रायपुर स्काई-वॉक प्रोजेक्ट को मिली नई रफ्तार: अधूरा ढांचा अब होगा मुकम्मल

रायपुर – शहर के बहुचर्चित और लंबे समय से अधूरे पड़े स्काई-वॉक प्रोजेक्ट को आखिरकार फिर से नई शुरुआत मिलने जा रही है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 37 करोड़ 75 लाख 70 हजार 682 रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है। करीब 8 साल से अधूरे इस ढांचे को अब रायपुर की कंपनी पीएसएस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है।
स्काई-वॉक की शुरुआत और रुकावटें
इस प्रोजेक्ट की शुरुआत साल 2017 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई थी। उद्देश्य था कि रेलवे स्टेशन, शास्त्री चौक और जय स्तंभ चौक जैसे व्यस्त क्षेत्रों में पैदल यात्रियों को ट्रैफिक से राहत मिले और शहर को आधुनिक लुक दिया जा सके। हालांकि, निर्माण के दौरान तकनीकी और प्रशासनिक अड़चनों के चलते यह काम अधूरा रह गया और वर्षों तक राजनीतिक तकरार और चर्चा का विषय बना रहा।
अब क्या बदलेगा?
डीकेएस और अंबेडकर अस्पताल जुड़ेंगे: स्काई-वॉक के एक हिस्से से डीकेएस अस्पताल सीधे जुड़ा होगा, जिससे मरीजों को ट्रैफिक से जूझे बिना आसानी से आवागमन की सुविधा मिलेगी। इस हिस्से पर लिफ्ट लगाई जाएगी।
शास्त्री चौक पर रोटरी निर्माण: स्काई-वॉक का एक अहम हिस्सा शास्त्री चौक पर होगा, जहां रोटरी बनेगी और लोग चौक के किसी भी हिस्से में चढ़-उतर सकेंगे।
12 एस्केलेटर और सीढ़ियां: पूरे 1.5 किलोमीटर लंबे स्काई-वॉक में 12 स्थानों पर एस्केलेटर लगाए जाएंगे और हर जगह सीढ़ियों की सुविधा भी होगी। दो जगहों पर अलग से सीढ़ियां बनाई जाएंगी।

रोज़ाना 40,000 से अधिक पैदल यात्रियों को राहत: एक पुराने सर्वे के अनुसार, शास्त्री चौक क्षेत्र में रोज औसतन 40 हजार लोग पैदल यात्रा करते हैं। उनके लिए यह स्काई-वॉक बड़ी सुविधा साबित हो सकता है।
अधूरी हालत और अब की दिशा
अब तक जय स्तंभ चौक से लेकर शास्त्री चौक और अंबेडकर अस्पताल तक स्ट्रक्चर का अधिकांश भाग बन चुका है। हालांकि पीडब्ल्यूडी की जांच में यह सामने आया कि कई हिस्सों से एसीपी शीट, एल्यूमीनियम फ्रेम और रेलिंग चोरी हो चुकी हैं। साथ ही खुले में पड़े रहने से कई हिस्सों में जंग भी लग गया है।
बचे हुए कार्यों में वेल्डिंग, पेंटिंग, फ्लोरिंग, स्लैबिंग, हुड इंस्टॉलेशन और पॉली-कार्बोनेट शीट लगाने का काम शामिल है, जो अब नए बजट के तहत पूरे किए जाएंगे। साथ ही, निर्माण की गुणवत्ता, डिजाइन और पर्यावरणीय मानकों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।
लागत में वृद्धि और सरकार का रुख
नई लागत पिछले अनुमान की तुलना में 20.17% अधिक है। भाजपा सरकार ने इसे पुनः शुरू करने का निर्णय लेते हुए बजट को स्वीकृति दी है और कार्य को समयसीमा के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है।
