परेश रावल की बेबाक बातें: बॉलीवुड में कहानी की किल्लत, ओटीटी का कमाल और साउथ से सीखने की जरूरत!

बेहतर कहानी का हिस्सा बनना सबसे बड़ी खुशी

फिल्म स्टोरी टेलर में एक कहानीकार की भूमिका निभा रहे परेश रावल का कहना है कि बेहतरीन कहानी का हिस्सा बनना एक दुर्लभ अवसर होता है। सत्यजीत रे की लिखी कहानी पर काम करना उनके लिए गर्व की बात है।

क्या बॉलीवुड में स्टोरी टेलर की कमी है?

परेश रावल मानते हैं कि बॉलीवुड में अच्छे लेखकों की भारी कमी है। उन्होंने कहा, “अगर आपके पास अच्छी कहानी नहीं है, तो फिल्म में कुछ भी नहीं है।” उनका मानना है कि लेखकों की नई पीढ़ी आ रही है, लेकिन अभी और सुधार की जरूरत है।

क्या परेश रावल कभी राइटर या डायरेक्टर बनेंगे?

इस सवाल पर परेश रावल ने स्पष्ट किया कि वह पहले से ही एक स्टोरीटेलर हैं। उन्होंने कहा, “जो भी कहानी मैं करता हूं, वही मेरी अपनी स्टोरी बन जाती है। मेरा काम उसे सही से पेश करना है, और मैं उसी पर फोकस करता हूं।”

ओटीटी ने इंडस्ट्री को दी नई जिंदगी

ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर उन्होंने कहा, “ओटीटी ने कई फिल्मों को नया जीवन दिया है। यह उन फिल्मों के लिए वरदान साबित हुआ है, जो थिएटर में एक शो भी नहीं चला पातीं।” उन्होंने मजाकिया अंदाज में जोड़ा कि “ओटीटी कई जगहों पर बदसूरत दुल्हन के लिए घूंघट का काम कर रहा है।”

बॉलीवुड vs साउथ: अनावश्यक बहस

बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री की तुलना पर रावल ने कहा कि यह बहस बेवजह है। उन्होंने कहा, “भारत की सभी फिल्में भारतीय हैं। हमें एक-दूसरे से सीखना चाहिए, जैसे हम हॉलीवुड से सीखते हैं।” उन्होंने इस मानसिकता को गलत बताया कि बॉलीवुड श्रेष्ठ है और साउथ इंडस्ट्री कमतर।

निष्कर्ष: परेश रावल का मानना है कि अच्छी कहानियां और लेखकों का सम्मान किसी भी फिल्म इंडस्ट्री की सफलता की कुंजी है। ओटीटी के आने से सिनेमा को नई दिशा मिली है, और साउथ बनाम बॉलीवुड जैसी बहसों से दूर रहना ही बेहतर है।

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