रायपुर-बिलासपुर हाइवे पर 15 मवेशियों की दर्दनाक मौत, मवेशी मालिकों पर पहली बार FIR

बिलासपुर।
रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे पर ग्राम पंचायत किरना के पास गुरुवार तड़के एक भारी वाहन ने सड़क किनारे बैठे 18 मवेशियों को कुचल दिया, जिसमें 15 की मौके पर मौत हो गई और तीन गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे के बाद स्थानीय ग्रामीणों और विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम कर प्रदर्शन किया।

मालिकों पर पहली बार दर्ज हुई FIR
पुलिस ने मृत मवेशियों के कान में लगे टैग के आधार पर कड़ार के दो पशुपालकों—कमलेश्वर वर्मा (75) और विजय वर्मा (62)—के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह प्रदेश में पहली बार है जब मवेशी मालिकों पर दुर्घटना के लिए जिम्मेदार मानकर कार्रवाई की गई है। हादसे के बाद वाहन चालक फरार हो गया है।

प्रशासन ने दिए सख्त निर्देश
घायल मवेशियों का इलाज सरगांव पशु चिकित्सालय में जारी है। मुंगेली कलेक्टर और एसपी ने हाईवे पर रात्रिकालीन गश्त बढ़ाने और निगरानी मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। पशु चिकित्सा विभाग ने प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

खुला पशुपालन बना तस्करी का कारण
पुलिस का कहना है कि खुले मवेशियों की वजह से ही प्रदेश में गौ-तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं, क्योंकि तस्कर इन्हें आसानी से पकड़ कर दूसरे राज्यों में ले जा रहे हैं।

हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी
मवेशियों की लगातार हो रही मौतों पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है। पिछले दो वर्षों में 200 से अधिक मवेशियों की मौत के बाद अब कोर्ट ने NHAI को शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने जनजागरूकता, सड़क सुरक्षा और पशु संरक्षण को लेकर ठोस कदम उठाने पर जोर दिया है।

प्रशासन की पहल
राज्य सरकार द्वारा गौ-अभयारण्य, शेल्टर होम और निगरानी समितियां बनाई जा रही हैं। पंचायत स्तर पर पशुपालकों को चेतावनी और जुर्माना लगाने की कार्रवाई भी शुरू की गई है।

यह हादसा एक बार फिर इस गंभीर समस्या की ओर इशारा करता है कि सड़क सुरक्षा केवल वाहनों की नहीं, बल्कि मूक प्राणियों की भी जिम्मेदारी है।