रायपुर के महादेव घाट के पास स्थित डिपरापारा इलाके में चल रही प्लॉटिंग के दौरान 1,000 साल पुराने पुरातात्विक अवशेष मिले हैं। इनमें ईंटें, मटका, बर्तन, सिलबट्टा सहित अन्य पुरानी चीजें शामिल हैं। पुरातत्व विभाग ने इन अवशेषों को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच शुरू कर दी है।
दरअसल, खल्लारी मंदिर के पास इस क्षेत्र में प्लॉटिंग का काम चल रहा था, और खुदाई के दौरान मिट्टी में पुरातात्विक अवशेष मिले। इस दौरान संस्कृति और पुरातत्व विभाग ने रायपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर जमीन के रिकॉर्ड की जानकारी मांगी है, ताकि यह पता चल सके कि यह जमीन सरकारी है या निजी।
मौके पर पहुंची टीम ने बताया कि जो अवशेष मिले हैं, वे 1,000 साल से अधिक पुराने हैं। हालांकि, काम कर रहे लोग इन अवशेषों को नजरअंदाज कर रहे थे और उन्हें बिना प्रशासन को सूचित किए मिट्टी में दबाने की कोशिश कर रहे थे। इसके बाद, जब यह जानकारी प्रशासन और पुरातत्व विभाग को मिली, तो टीम ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी से चल रहे काम को रुकवाया और आसपास के क्षेत्र का सर्वे करने का निर्णय लिया।
पुरातत्वविदों का कहना है कि यह क्षेत्र 14वीं शताब्दी से आबाद था और खारुन नदी के आसपास पुरानी सभ्यताओं के अस्तित्व का प्रमाण मिलता है। इतिहास में भी इस क्षेत्र का जिक्र मिलता है, और संभावना है कि ये अवशेष उसी समय के हों।
संस्कृति और पुरातत्व विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने बताया कि टीम अब इस जमीन और आसपास के क्षेत्र का सर्वे करेगी। सर्वेक्षण पूरा होने तक वहां कोई काम नहीं होगा। जिला प्रशासन ने फिलहाल वहां का काम रुकवाया है।