केशकाल के टाटामारी को देख आप शिमला और मसूरी को भूल जाएंगे, जानिए यहा के खूबसूरती बारे में

रायपुर। बरसात की बौछारों से नहाकर तरोताज़ा हुए जंगल में उईगजब की हरियाली, घाटी और बारह घुमावदार मोड़ केशकाल घाटी की इस यादगार यात्रा के बाद जब आप अपने डेस्टिनेशन ’टाटामारी’ पहुचेंगे तब आपकी तबीयत एकदम हरी हो चुकी होगी। थोड़ी सी बढ़ी हुई धड़कनें यहां के शांत और सुखद माहौल में राहत पाएंगी और आप थक के बैठने के बजाय व्यू प्वाइंट पर जाकर घाटी की खूबसूरती को अपने अंदर जज्ब कर लेना चाहेंगे। नज़ारे भी इतने खूबसूरत कि दिल ठहर सा जाए। लगे कि ऐ काश ये सफ़र कभी खत्म न हो। टाटामारी स्पॉट को बनाया ही इतनी खूबसूरती से गया है। बता दें केशकाल घाटी बस्तर का प्रवेशद्वार कहलाती है बेहद रोमांचक, बेहद खूबसूरत,बस्तर को छत्तीसगढ़ के बाकी शहरों और दक्षिण भारत से जोड़ती है। इस यादगार सफ़र का पूरा लुत्फ़ लेना है तो हरियाली और घाटी के रोमांच को पूरे दिल से महसूस कीजिये। मोबाइल को तो भूल ही जाइए क्योंकि खूबसूरत तस्वीरें क्लिक करने का मौका आपको टाटामारी पहुंच कर खूब मिलेगा।

केशकाल घाटी का सफर बेहद खूबसूरत पल
सर्पीले मोड़ों वाली केशकाल घाटी में प्रवेश के साथ ही धड़कने बढ़ जाती हैं और दिल ऊपर-नीचे होने लगता है। यह घाटी करीब 5 किमी लंबी है और एन एच 30 पर कोण्डागांव-कांकेर के बीच स्थित है। पहले तो यहां पहाड़ और घने जंगल के अलावा कुछ था ही नहीं। यहां 1879 में सड़क निर्माण का काम शुरू हुआ था जिसे पूरा होते-होते करीब ग्यारह साल लग गए। अब अगर आप रायपुर से केशकाल घाटी और टाटामारी के सफर पर निकलें तो 80þ सड़कें अच्छी हैं। लेकिन 12 मोड़ निश्चय ही दिल हिला कर रख देते हैं इन्हें स्थानीय तौर पर ’बारा भांवर’ (12 मोड़) के नाम से जाना जाता है।
टाटामारी के आसपास घूमने की ढेर सारी जगहें हैं। आपके पास चित्रकोट और तीरथगढ़ जैसे प्रसिद्ध झरनों के अलावा बीसियों झरने देखने का अवसर है। इसके अलावा भंगाराम मंदिर,सुरडोंगढ़ झील,महालक्ष्मी शक्ति पीठ, कांकेर पैलेस, अनेक गुफाएं,उनमें प्रागैतिहासिक चित्रों के साथ स्थानीय खानपान और आदिवासी संस्कृति के साथ यादें सहेजने के लिए उनके बनाए कलात्मक हस्त निर्मित पीस भी खरीद सकते हैं।
देखे यहां का खूबसूरत वीडियो……

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