रायपुर/ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने लखीमपुर खीरी की घटना की निंदा करते हुये कहा कि लखीमपुर की घटना से एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी का क्रूर और आतातायी चेहरा एक बार फिर से सामने आया है। किसानों की हत्या के बाद विपक्ष के नेताओं को पीड़ितों से नहीं मिलने जाने देना और भी दुर्भाग्यजनक अलोकतांत्रिक है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव, उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी को लखनऊ में जबरिया रोककर नजरबंद करना उन्हें लखीमपुर मृत किसानों के परिजनों के आंसू पोछने जाने से रोक योगी सरकार का तानाशाहीपूर्ण रवैया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के उपमुख्यमंत्री को लखनऊ हवाई अड्डे पर उतरने की अनुमति नहीं देने से यह साबित हो गया कि योगी सरकार क्रूर आतातायी तो थी ही डरपोक और कायर भी है तभी वह एक प्रदेश के मुख्यमंत्री जो खुद किसान नेता होने के साथ उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के सीनियर आब्जर्वर भी है। उन्हें उत्तर प्रदेश में आने नहीं देना चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि लखीमपुर में किसान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलकर सत्याग्रह कर रहे थे, अपनी मांगों को रख रहे थे। ऐसे में लोकतंत्र विरोधी और गोडसेवादी विचारधारा के मानने वालों ने निहत्थे किसानों को कार से कुचलकर किसानों की हत्या की है। दुर्भाग्य की बात है कि पूरी घटना मोदी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा जिनके ऊपर कानून व्यवस्था बनाये रखने आम जन की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। उनके ही पुत्र के द्वारा अंजाम दिया गया है।
इससे स्पष्ट हो जाता है कि हम दो हमारे दो कि नीति में चलने वाली मोदी योगी की सरकार तीन काले कृषि कानून को लागू कराने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। पूरा देश ने देख लिया है तीन काले कृषि कानून के खिलाफ बीते 10 माह से दिल्ली के सड़कों में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, पूरा देश ने देखा है, किसानों की आवाज सुनने के बजाय किसानों को रोकने के लिए मोदी सरकार ने सड़कों में कीले ठोंक दिए थे। आंदोलनरत किसानों के पंडालों से बिजली का कनेक्शन और पेयजल सप्लाई की कनेक्शन काट दिए गए थे। उत्तर प्रदेश में भी योगी सरकार किसानों को डराने, धमकाने और कानून तंत्र का दुरुपयोग कर किसानों का गला घोंटने में लगी हुई है।