‘नारी शक्ति’ की दहाड़! 52 साल का इंतजार खत्म, भारत ने रच दिया इतिहास
नवी मुंबई: डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम – यह सिर्फ एक क्रिकेट मैच नहीं था, यह 52 साल के इंतजार का अंत और भारतीय महिला क्रिकेट के एक नए युग की शुरुआत थी। कल रात, हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली ‘वीमेन इन ब्लू’ ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर अपना पहला आईसीसी महिला विश्व कप खिताब जीतकर इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों में अपना नाम लिख दिया।
✨ वो दो पल जिन्होंने मैच पलटा: एक बैट से, एक गेंद से
फाइनल में भारत की जीत किसी एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि अटूट टीम वर्क की कहानी थी, लेकिन दो नाम हमेशा याद रखे जाएंगे:
- शैफाली वर्मा का तूफान (87 रन): जिस समय बड़ी-बड़ी पारियों की जरूरत थी, ‘आग का गोला’ शैफाली ने 78 गेंदों में 87 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली। सबसे ख़ास बात यह थी कि एक छोर पर स्मृति मंधाना (45) ने उन्हें खुलकर खेलने का मौका दिया, जिसके दम पर 104 रनों की शुरुआती साझेदारी बनी।
- दीप्ति शर्मा का ‘जादू’ (5 विकेट और 58 रन): जब दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट (101 रन) अकेले खड़ी होकर भारत के सपने को चकनाचूर कर रही थीं, तब दीप्ति शर्मा ने गेंद थामी और मैच को पूरी तरह पलट दिया। उनके दोहरे वार (वोल्वार्ड्ट और ट्र्योन का विकेट) ने दक्षिण अफ्रीका की कमर तोड़ दी।
💫 हार नहीं, आत्मविश्वास की जीत
मैच में एक समय ऐसा भी आया जब भारत ने 298/7 का अच्छा स्कोर बनाने के बावजूद, बीच के ओवरों में विकेट गंवाए और गति खो दी थी। लेकिन, दीप्ति शर्मा (58) और ऋचा घोष (34) की तेज पारियों ने स्कोर को सम्मानजनक ऊंचाई दी।
लक्ष्य का पीछा करते हुए, दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत मजबूत थी। एक समय लग रहा था कि मैच उनके हाथ में है। पर, कप्तान हरमनप्रीत कौर के गैर-पारंपरिक फ़ैसले – शैफाली वर्मा को गेंदबाजी देना – ने सब बदल दिया। शैफाली ने दो महत्वपूर्ण विकेट चटकाकर भारत को वापस मैच में ला खड़ा किया।
अंत में, यह अनुभव (दीप्ति शर्मा का 5/39 का जादुई स्पैल) और युवा जोश (शैफाली वर्मा की धमाकेदार पारी) का मिश्रण था जिसने भारत को यह ऐतिहासिक जीत दिलाई।
🏆 एक ट्रॉफी, लाखों प्रेरणाएँ
जैसे ही दक्षिण अफ्रीका का अंतिम विकेट गिरा, पूरे स्टेडियम में ‘भारत माता की जय’ की गूंज सुनाई दी। यह सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं है; यह देश की लाखों लड़कियों के लिए एक प्रेरणास्रोत है कि वे भी अपने बड़े सपने देख सकती हैं और उन्हें पूरा कर सकती हैं। बीसीसीआई ने भी इस ऐतिहासिक जीत के लिए खिलाड़ियों, कोचों और सपोर्ट स्टाफ के लिए ₹51 करोड़ के नकद इनाम की घोषणा करके इस क्षण को और भव्य बना दिया।
भारत की महिला टीम ने साबित कर दिया कि क्रिकेट सिर्फ पुरुषों का खेल नहीं रहा, यह ‘नारी शक्ति’ की अदम्य भावना का प्रतीक है।
