वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024: लोकसभा में 12 घंटे की बहस के बाद पारित, राज्यसभा में चुनौती

लोकसभा में 12 घंटे की लंबी बहस के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 बुधवार देर रात 2 बजे पारित हो गया। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे 12 बजे पेश किया था, और वोटिंग में 520 सांसदों ने हिस्सा लिया। 288 सांसदों ने पक्ष में और 232 ने विपक्ष में वोट डाले। इस बिल का पूरा नाम “वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024” है। अब सरकार की नजर राज्यसभा पर टिकी है, जहां इसे आज (3 अप्रैल 2025) पेश किया जाएगा। लेकिन राज्यसभा में बहुमत की कमी के चलते यह बिल सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।

लोकसभा में बहस और विवाद

चर्चा के दौरान AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिल को फाड़ दिया और कहा, “यह बिल मुसलमानों को अपमानित करने के लिए लाया गया है। मैं गांधी की तरह इसे फाड़ता हूं।” जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “वक्फ में गैर-मुसलमानों को शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं है। विपक्ष वोट बैंक के लिए अल्पसंख्यकों को डरा रहा है।” किरेन रिजिजू ने चेतावनी दी कि अगर यह संशोधन नहीं आता, तो “संसद भवन सहित कई संपत्तियों पर वक्फ दावा कर सकता था।”

लोकसभा में संख्या बल

लोकसभा में बहुमत के लिए 272 सांसदों की जरूरत थी। बीजेपी के पास 240 सांसद हैं, और सहयोगी दलों (जेडीयू-12, टीडीपी-16, एलजेपी-5, अन्य) के साथ एनडीए की कुल संख्या 293 थी। यह बहुमत से 21 अधिक है, जिसके चलते बिल आसानी से पास हो गया।

बिल के प्रमुख प्रावधान

  • पारदर्शिता: वक्फ संपत्तियों का जिला कलेक्टर के पास रजिस्ट्रेशन अनिवार्य।

  • समावेशिता: शिया, सुन्नी, बोहरा, बैकवर्ड मुस्लिम, महिलाएं और गैर-मुस्लिम विशेषज्ञ शामिल होंगे।

  • संरचना: बोर्ड में 4 गैर-मुस्लिम और 2 महिलाएं होना जरूरी।

  • कानूनी बदलाव: पुराने दावों पर लिमिटेशन एक्ट लागू होगा।

रिजिजू ने कहा, “मोदी सरकार ने यह कदम नहीं उठाया होता, तो कई संपत्तियां वक्फ के पास चली जातीं। यह बिल पारदर्शिता और समावेशिता के लिए है।”

राज्यसभा में चुनौती

राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं, जिनमें से 237 प्रभावी हैं (8 खाली)। बहुमत के लिए 119 सांसद चाहिए। एनडीए के पास अभी 112 सांसद हैं (बीजेपी-92, सहयोगी-20), जो बहुमत से 7 कम है। ऐसे में सरकार को निर्दलीय (6) और मनोनीत सांसदों (4) का सहारा लेना पड़ सकता है। विपक्षी इंडिया गठबंधन के पास 95 सांसद हैं, और कुछ क्षेत्रीय दलों का रुख अनिश्चित है। आज दोपहर 1 बजे से 8 घंटे की चर्चा तय है, जिसमें कांग्रेस को 45 मिनट मिलेंगे। कांग्रेस से अभिषेक मनु सिंघवी और इमरान प्रतापगढ़ी भी बोलेंगे।

विपक्ष का विरोध

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, “यह बिल संविधान पर हमला है। इसे जबरन पास किया गया। यह समाज को ध्रुवीकरण की ओर ले जाएगा।” ओवैसी ने इसे “मुस्लिम अधिकारों पर हमला” करार दिया।

अगर राज्यसभा में बिल पास नहीं हुआ, तो सरकार को संयुक्त सत्र का रास्ता अपनाना पड़ सकता है। लेकिन वहां भी संख्या बल और राजनीतिक समीकरण अहम होंगे। क्या सरकार इस परीक्षा में पास होगी, या विपक्ष इसे रोक देगा? यह आज तय होगा। ताजा अपडेट्स के लिए बने रहें!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed