विवेक शर्मा बने छत्तीसगढ़ के एडवोकेट जनरल: रिटायर्ड हाईकोर्ट जज के बेटे, परिवार RSS से जुड़ा रहा; सबसे कम उम्र के नए महाधिवक्ता

रायपुर।

छत्तीसगढ़ सरकार ने सोमवार देर शाम विवेक शर्मा को राज्य का नया एडवोकेट जनरल (AG) नियुक्त कर दिया। उनकी नियुक्ति को लेकर न केवल प्रशासनिक हलकों में चर्चा है, बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विवेक शर्मा प्रदेश के अब तक के सबसे कम उम्र के महाधिवक्ता हैं, जिससे युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने का संकेत भी मिल रहा है।

सरकार की आधिकारिक अधिसूचना जारी होते ही राज्य के विधिक, राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में यह विषय प्रमुख चर्चा बन गया है। विवेक शर्मा का परिवार लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ा हुआ माना जाता है, वहीं उनके पिता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज रह चुके हैं। इस पृष्ठभूमि के कारण उनकी नियुक्ति को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कौन हैं विवेक शर्मा?

विवेक शर्मा राज्य के उभरते हुए युवा विधि विशेषज्ञों में शामिल हैं। उनकी शिक्षा राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित विधि संस्थानों में हुई है और उन्होंने कॉन्स्टिट्यूशनल लॉ, क्रिमिनल लॉ, और एडमिनिस्ट्रेटिव लॉ पर मजबूत पकड़ विकसित की है।

उनकी प्रमुख खासियतें:

  • हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कई महत्वपूर्ण मामलों की पैरवी।

  • प्रशासनिक और संवैधानिक मसलों पर विशेषज्ञता।

  • तेज-तर्रार और शोध-आधारित कानूनी प्रस्तुति के लिए पहचान।

  • कई युवा वकीलों के मेंटर के रूप में स्थापित छवि।

राज्य सरकार के अनुसार, उनकी विधिक समझ और व्यवहारिक निर्णय क्षमता की वजह से उन्हें यह महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा गया है।

पारिवारिक पृष्ठभूमि: न्यायपालिका और RSS दोनों से जुड़ाव

विवेक शर्मा के पिता छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पूर्व जज रह चुके हैं। इससे उनकी कानूनी परवरिश न्यायिक वातावरण में हुई है। परिवार का RSS पृष्ठभूमि से जुड़ा होना भी चर्चा का विषय है, क्योंकि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में ऐसे संबंध अक्सर सत्ता व प्रशासनिक नियुक्तियों पर प्रभाव डालते हैं।

RSS से जुड़े होने की वजह से विवेक शर्मा की नियुक्ति पर विपक्ष पहले ही प्रतिक्रिया दे चुका है। हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि नियुक्ति पूरी तरह योग्यता, दक्षता और विधिक अनुभव के आधार पर की गई है।

सबसे कम उम्र के AG बनने का महत्व

विवेक शर्मा की उम्र अन्य पूर्व महाधिवक्ताओं की तुलना में काफी कम है। यह छत्तीसगढ़ के विधिक इतिहास में पहली बार है कि इतनी कम उम्र में किसी वकील को राज्य का शीर्ष विधिक पद मिला है।

इसके कई सकारात्मक संकेत हैं:

  • राज्य की न्याय व्यवस्था में युवा ऊर्जा का प्रवाह।

  • भविष्य की कानूनी चुनौतियों को आधुनिक दृष्टिकोण से निपटाने की क्षमता।

  • नई सोच, तकनीकी समझ और अद्यतन कानूनी प्रथाओं का इस्तेमाल।

  • युवा वकीलों को बड़ा प्रेरक संदेश।

AG का पद कितना महत्वपूर्ण?

एडवोकेट जनरल राज्य सरकार का प्रधान विधिक सलाहकार होता है। उसकी जिम्मेदारियों में शामिल हैं:

  • हाईकोर्ट में राज्य का प्रतिनिधित्व।

  • संवैधानिक और विधिक मामलों पर सरकार को सलाह देना।

  • महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों के कानूनी पहलुओं की समीक्षा।

  • संवैधानिक चुनौती वाले मामलों में रणनीति तय करना।

  • विभागों के कानूनी विवादों का समाधान।

राज्य के प्रमुख विधिक अधिकारी के रूप में AG का प्रभाव सरकार की नीतियों और फैसलों पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता है।

राजनीतिक गलियारों में हलचल

विवेक शर्मा की नियुक्ति ने राजनीतिक चर्चाओं को भी जन्म दिया है। राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं:

  1. RSS पृष्ठभूमि होने से यह नियुक्ति सरकार के वैचारिक रुझान का संकेत भी कही जा सकती है।

  2. कम उम्र में नियुक्ति से युवा शक्ति व नई सोच को बढ़ावा देने का संदेश।

  3. विपक्ष कह रहा है कि यह नियुक्ति “राजनीतिक प्रभाव” से हुई है, जबकि सरकार इसे पूर्णतया “योग्यता आधारित” बता रही है।

प्रदेश कांग्रेस ने टिप्पणी की:

“RSS से जुड़े परिवार का युवा वकील AG बना दिया गया—यह सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाता है।”

वहीं सरकार समर्थक इसे “राज्य के लिए नया व आधुनिक विधिक नेतृत्व” बता रहे हैं।

प्रशासनिक और विधिक चुनौतियाँ

छत्तीसगढ़ को अगले कुछ महीनों में कई संवैधानिक और प्रशासनिक चुनौतियों से गुजरना है, जिनमें AG की भूमिका महत्वपूर्ण होगी:

  • भूमि, खनन और औद्योगिक विवाद

  • राज्य-केंद्र संबंधी कानूनी मुद्दे

  • संवैधानिक याचिकाएँ

  • नीति-निर्माण से जुड़े वाद

  • प्रशासनिक सुधार और कानूनी पुनर्गठन

विवेक शर्मा अब इन सभी मामलों में राज्य की विधिक रणनीति का नेतृत्व करेंगे।

कानूनी समुदाय की प्रतिक्रिया

छत्तीसगढ़ बार एसोसिएशन और युवा वकीलों ने विवेक शर्मा की नियुक्ति का स्वागत किया है। कई वकीलों ने कहा:

  • “यह युवा नेतृत्व को अवसर देने का मौका है।”

  • “आधुनिक कानूनी दृष्टिकोण से राज्य को लाभ मिलेगा।”

  • “नए AG की कार्यशैली तेज और पेशेवर रहेगी।”

कुछ अनुभवी वकीलों ने कहा कि कम उम्र में इतनी बड़ी भूमिका चुनौतीपूर्ण भी होगी और उनसे बड़ी अपेक्षाएँ रहेंगी।

आगे की राह

AG के रूप में विवेक शर्मा के सामने कई महत्वपूर्ण प्राथमिकताएँ होंगी:

  • लंबित सरकारी मुकदमों की समीक्षा

  • विभागों के कानूनी विवादों को तेजी से निपटाना

  • राज्य के पक्ष को न्यायालय में मजबूती से रखना

  • सरकारी अधिकारियों को कानूनी मार्गदर्शन देना

  • संवैधानिक मामलों पर उच्च स्तर की तैयारी सुनिश्चित करना

उनकी नियुक्ति के बाद साफ है कि सरकार चाहती है कि राज्य की कानूनी रणनीति में गति और गुणवत्ता दोनों बढ़े।

निष्कर्ष

विवेक शर्मा की नियुक्ति छत्तीसगढ़ के विधिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। रिटायर्ड हाईकोर्ट जज के बेटे, RSS पृष्ठभूमि, और सबसे कम उम्र में AG बनने ने उन्हें खास पहचान दिलाई है। अब राज्य की नजरें इस बात पर होंगी कि वे किस तरह तेजी, निष्पक्षता और आधुनिक दृष्टिकोण के साथ राज्य की कानूनी दिशा तय करते हैं।

राज्य सरकार और कानूनी समुदाय को उम्मीद है कि नया नेतृत्व छत्तीसगढ़ की न्यायिक रणनीति को मजबूत और प्रभावी बनाएगा।