संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (COP30): ब्राजील में जारी बैठकों में कार्बन उत्सर्जन कटौती और जलवायु वित्त पर सहमति की कोशिशें तेज

ब्राजील में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (COP30) में दुनिया भर के देशों के प्रतिनिधि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। सम्मेलन का मुख्य फोकस कार्बन उत्सर्जन में तेजी से कटौती, और विकासशील देशों के लिए जलवायु वित्त (Climate Finance) को मजबूत बनाना है।

कार्बन उत्सर्जन घटाने पर मतभेद लेकिन बातचीत जारी

कई विकसित देशों ने वर्ष 2030 तक उत्सर्जन को बड़े पैमाने पर कम करने के प्रस्ताव दिए हैं।
हालांकि, कुछ उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने औद्योगिक देशों पर यह जिम्मेदारी अधिक लेने का दबाव डाला है क्योंकि ऐतिहासिक रूप से सबसे ज्यादा उत्सर्जन इन्हीं देशों से हुआ है।
इस मुद्दे पर अभी अंतिम सहमति नहीं बनी है, लेकिन वार्ता लगातार आगे बढ़ रही है।

विकासशील देशों के लिए जलवायु वित्त बड़ा मुद्दा

अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के विकासशील देशों ने यह स्पष्ट किया है कि
कार्बन कटौती, नवीकरणीय ऊर्जा और आपदा प्रबंधन योजनाओं को लागू करने के लिए उन्हें अतिरिक्त आर्थिक सहायता की आवश्यकता है।

वर्तमान में चर्चा इस बात पर केंद्रित है कि
– जलवायु वित्त की राशि कितनी बढ़ाई जाए
– इसे किस प्रकार वितरित किया जाए
– और इसे पारदर्शी ढंग से उपयोग सुनिश्चित करने के लिए क्या ढांचा अपनाया जाए।

नवीकरणीय ऊर्जा और तकनीकी साझेदारी पर भी विचार

सम्मेलन में सोलर, विंड और हाइड्रोजन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय तकनीकी साझेदारी पर भी चर्चा हो रही है।
कई देशों ने इस बात पर जोर दिया कि ग्रीन टेक्नोलॉजी तक समान पहुंच जरूरी है, ताकि उत्सर्जन कटौती में गति लाई जा सके।

ब्राजील ने दिया वनों की सुरक्षा का प्रस्ताव

मेजबान देश ब्राजील ने अमेज़न वर्षावनों की रक्षा को वैश्विक प्राथमिकता बनाने की अपील की है।
वनों की कटाई रोकने, कार्बन सिंक बढ़ाने और जैव विविधता संरक्षण की दिशा में एक संयुक्त वैश्विक कार्यक्रम का मसौदा भी प्रस्तुत किया गया है।

अंतिम दस्तावेज़ पर निगाहें

सम्मेलन का परिणाम एक ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन पैकेज के रूप में सामने आएगा, जिस पर सभी देशों की सहमति जरूरी है।
विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इस बार कार्बन लक्ष्य और वित्तीय सहायता दोनों क्षेत्रों में प्रगति हो सकती है।