हाईवे पर रील बनाकर ट्रैफिक जाम किया: हाईकोर्ट सख्त, पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल

बिलासपुर – एक राजनैतिक परिवार के बेटे और उसके दोस्तों द्वारा बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे पर रील बनाने के लिए सड़क पर महंगी गाड़ियां खड़ी कर ट्रैफिक जाम करने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इसे “कानून व्यवस्था को खुली चुनौती” करार दिया है।
कोर्ट ने मांगा मुख्य सचिव से जवाब
कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव से शपथ पत्र के साथ स्पष्टीकरण माँगा है कि जब यह सार्वजनिक स्थान पर जानबूझकर ट्रैफिक बाधित करने जैसा गंभीर मामला था, तो सिर्फ जुर्माना लगाकर और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव भेजकर क्यों छोड़ा गया? कोर्ट ने सवाल उठाया कि वाहन जब्त क्यों नहीं किए गए और मोटर व्हीकल एक्ट या अन्य कानूनों के तहत केस दर्ज क्यों नहीं किया गया?
“रईस बच्चों की हरकत और पुलिस की ढिलाई ज्यादा खतरनाक” – कोर्ट
कोर्ट ने टिप्पणी की, “यह बेहद चिंता की बात है कि बार-बार हाईवे जैसे स्थानों पर इस तरह की शरारतें हो रही हैं। न सिर्फ खुद की, बल्कि दूसरों की जान भी खतरे में डाली जा रही है। पुलिस की ढिलाई तब और गंभीर हो जाती है जब यह कृत्य किसी रईस बच्चे द्वारा किया जाता है।”
वायरल वीडियो से सामने आया मामला
मामले में भाजपा नेता के करीबी और कांग्रेस नेता विनय शर्मा के बेटे वेदांश शर्मा और उनके दोस्तों द्वारा काली टोयोटा फॉर्च्यूनर गाड़ियों के काफिले के साथ रतनपुर हाईवे पर वीडियो शूट करने की घटना सामने आई।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा गया कि सड़क के बीच गाड़ियाँ खड़ी कर के, प्रोफेशनल वीडियोग्राफर, लाइट्स और टीम के साथ रील बनाई गई। इस दौरान सड़क पर लंबा जाम लग गया।
पुलिस की शुरुआती कार्रवाई सवालों के घेरे में
जब वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ 2000 रुपए प्रति गाड़ी जुर्माना लगाया और आरटीओ को ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव भेजा। इससे पहले 4 जुलाई को डीएसपी की पत्नी द्वारा भी इसी तरह का स्टंट किए जाने पर कोर्ट ने संज्ञान लिया था।
हाईकोर्ट की फटकार के बाद पुलिस हरकत में आई
कोर्ट की सख्ती के बाद, पुलिस ने देर रात हरकत में आते हुए संबंधित गाड़ियों को सकरी थाने में बुलवा लिया। रात करीब 12:30 बजे तक 6 वाहन थाना परिसर में रखवाए गए।