“मूसलधार बारिश से मचा हाहाकार: रायपुर-बिलासपुर समेत 12 जिलों में बाढ़ की चेतावनी”

छत्तीसगढ़ में बीते 5 दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रदेश के कई जिलों में नदी-नाले उफान पर हैं। राजधानी रायपुर में देर रात से मूसलधार बारिश हो रही है, जिससे सड़कों पर जलभराव की स्थिति बन गई है।

मौसम विभाग ने रायपुर, बिलासपुर सहित 12 जिलों में भारी बारिश और फ्लैश फ्लड की चेतावनी जारी की है। इधर, इंद्रावती नदी में तेज बहाव के कारण नाव पलटने की घटना सामने आई है, जिसमें एक व्यक्ति लापता हो गया है और दूसरा चट्टानों पर फंसा है।

कई जिलों में जलप्रलय जैसे हालात:

  • राजिम में महानदी का जलस्तर बढ़ने से कुलेश्वर महादेव मंदिर की सीढ़ियां डूब गईं।

  • रायगढ़ में केलो नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण डैम के दो गेट खोले गए हैं।

  • रायपुर में बीते दो दिनों में 140 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

  • बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर संभाग में अगले दो दिनों तक लगातार बारिश की संभावना है।

अलर्ट की स्थिति:

  • ऑरेंज अलर्ट: राजनांदगांव, बालोद, दुर्ग, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद और बलौदाबाजार

  • यलो अलर्ट: रायपुर, कोरबा, कबीरधाम, रायगढ़, सूरजपुर, बलरामपुर समेत 21 जिले

इंद्रावती नदी में हादसा:

बुधवार सुबह दंतेवाड़ा जिले की इंद्रावती नदी में नाव पलटने की घटना हुई है। हादसा उस समय हुआ जब ग्रामीण बोधघाट बाजार से लौट रहे थे। तेज बहाव में नाव पलट गई, जिसमें एक व्यक्ति लापता हो गया और एक चट्टानों के बीच फंसा हुआ है। घटना बारसूर थाना क्षेत्र की है।

खतरनाक हालात: ग्रामीणों का जोखिम भरा सफर

कांकेर जिले के 4 गांवों में डेली लाइफ संकट में है। ग्रामीण 16 पिलरों पर कूद-कूदकर नदी पार कर रहे हैं, जिनमें स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। पुल नहीं होने से बांसकुंड, ऊपर तोनका, नीचे तोनका और चलाचूर गांव के 500 से अधिक लोग परेशान हैं।

बलरामपुर में पुल बहा, संपर्क टूटा

बलरामपुर जिले में चार दिन पहले गेरांव के पास पुल बह जाने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। लगातार बारिश के चलते पूरे क्षेत्र में नदी-नालों में उफान है।

बस्तर में तीरथगढ़ वाटरफॉल पर सैलानियों की भीड़

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित तीरथगढ़ वाटरफॉल बारिश के बाद अपने शबाब पर है। यहां सैलानियों की भीड़ उमड़ रही है। कई लोग जान जोखिम में डालकर फोटोशूट करवा रहे हैं।

बारिश का आंकड़ा और बिजली गिरने की वैज्ञानिक वजह

  • 1 जून से अब तक छत्तीसगढ़ में औसतन 243.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

  • सबसे ज्यादा बारिश बीजापुर (382 मिमी) में और सबसे कम बेमेतरा (81.5 मिमी) में दर्ज की गई।

बिजली गिरने का कारण:

आसमान में जब विपरीत ध्रुवीय ऊर्जा वाले बादल टकराते हैं, तो घर्षण से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह ऊर्जा बिजली के खंभों या ऊंचे स्थानों के माध्यम से धरती तक पहुंचती है। अगर इस दौरान कोई व्यक्ति संपर्क में आता है, तो वह सबसे अच्छा कंडक्टर बन जाता है, जिससे जान का खतरा बढ़ जाता है।

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