छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र में ‘विजन 2047’ पर सियासी हलचल

पहले दिन कांग्रेस के बहिष्कार की घोषणा; सरकार–विपक्ष आमने-सामने

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार को तीखी राजनीतिक हलचल के साथ हुई। सरकार द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले ‘विजन 2047’ दस्तावेज़ को लेकर पहले ही दिन माहौल गर्म हो गया। विपक्षी कांग्रेस ने सत्र के उद्घाटन के तुरंत बाद बहिष्कार की घोषणा करते हुए सरकार पर एकतरफा निर्णय लेने का आरोप लगाया।

कांग्रेस का आरोप: प्रक्रिया और परामर्श की अनदेखी

कांग्रेस विधायकों ने दावा किया कि ‘विजन 2047’ जैसे दीर्घकालिक विकास दस्तावेज़ को बिना व्यापक परामर्श और समिति समीक्षा के सदन के सामने लाया गया है।
उनका कहना था कि ऐसा महत्वपूर्ण एजेंडा पूरे राज्य हित से जुड़ा है और इसे जल्दबाज़ी में पारित करने का प्रयास लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत है।

विपक्ष ने मांग की कि दस्तावेज़ को विशेषज्ञों, जनप्रतिनिधियों और सार्वजनिक विचार-विमर्श के लिए भेजा जाए, ताकि विकास के हर पहलू पर समुचित चर्चा हो सके।

सरकार का जवाब: विकास को बाधित करने का प्रयास

सत्तारूढ़ पक्ष ने कांग्रेस के बहिष्कार को राजनीतिक नाटक बताते हुए कहा कि ‘विजन 2047’ राज्य की दीर्घकालिक वृद्धि, बुनियादी ढांचे के विस्तार और सामाजिक कल्याण के लिए तैयार किया गया है।
सरकार का तर्क है कि यह रोडमैप आने वाले दो दशकों में छत्तीसगढ़ को एक मजबूत आर्थिक और सामाजिक मॉडल के रूप में स्थापित करेगा।

मंत्रियों ने कहा कि विपक्ष केवल सत्र की कार्यवाही बाधित करने की कोशिश कर रहा है और राज्य के विकास एजेंडा पर गंभीर नहीं है।

सदन में हंगामा, कार्यवाही बाधित

कांग्रेस द्वारा नारेबाज़ी और तख्तियां दिखाने के बाद सदन में कुछ देर के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद भी दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक जारी रही।
सदन के भीतर माहौल इतना गरमाया कि स्पीकर को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा।

आगे की राह

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि ‘विजन 2047’ पर आगामी दिनों में और भी तीखी बहस देखने को मिलेगी।
यह सत्र सरकार की विकास नीति, लंबी अवधि की प्राथमिकताओं और विपक्ष की रणनीति—तीनों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।