“अमरकंटक से लौट रहा था पूरा परिवार, बारिश ने छीन ली ज़िंदगी, बाढ़ में डूबी कार”

एक खुशहाल परिवार मां नर्मदा के दर्शन कर लौट रहा था। चेहरों पर यात्रा की थकान कम और संतोष ज्यादा था। लेकिन किसे पता था कि यह सफर उनकी जिंदगी का आखिरी पड़ाव साबित होगा।
मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में रविवार शाम को दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। भारी बारिश के कारण उफान पर आए नाले ने चार लोगों के एक पूरे परिवार को निगल लिया। हादसा राजेन्द्रग्राम स्टेट हाईवे पर ग्राम पंचायत किरर के पास हुआ, जब अमरकंटक से लौटते समय कार नाले के तेज बहाव में बह गई।
कार में सवार थे:
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चंद्रशेखर यादव, इंजीनियर (सोहागपुर कालरी, शहडोल)
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प्रीति यादव, स्टाफ नर्स (जिला अस्पताल, अनूपपुर)
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उनके दो मासूम बच्चे – रियांश और शिवी
स्थानीय लोगों ने बारिश और जलस्तर को देखकर परिवार को रोका भी, लेकिन वे नहीं माने। नाले के पास जैसे ही कार बंद हुई, तेज बहाव ने उसे अपनी चपेट में ले लिया।
रेस्क्यू ऑपरेशन रविवार रात से ही शुरू हो गया था।
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पहले प्रीति यादव का शव झीरा पटपर के जंगल इलाके में मिला।
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सोमवार सुबह बाकी तीनों शव नदी के किनारे से बरामद किए गए।
पूरा परिवार मां नर्मदा के दर्शन के बाद लौट रहा था, लेकिन रास्ते में प्रकृति का कहर उनके लिए काल बन गया। अमरकंटक की पवित्रता देखने गए थे, लेकिन लौटे नहीं।
शोक और सीख:
इस हादसे ने एक बार फिर साबित किया कि प्राकृतिक चेतावनियों को नज़रअंदाज़ करना कितना घातक हो सकता है। स्थानीय लोगों की चेतावनी, भारी बारिश के हालात और रास्ते की दुश्वारियां — सब कुछ उस एक पल में मायने खो बैठा, जब बाढ़ का पानी एक परिवार की सारी खुशियों को बहा ले गया।