गौरेला में अजीत जोगी की प्रतिमा हटाने को लेकर विवाद गहराया, अमित जोगी धरने पर डटे

गौरेला: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की मूर्ति हटाए जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। प्रशासन ने मूर्ति को दोबारा स्थापित करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। बुधवार को मौके पर पहुंची SDM ऋचा चंद्राकर और पुलिस प्रशासन की टीम ने साफ किया कि नियमानुसार अनुमति मिलने के बाद ही प्रतिमा स्थापित की जा सकती है।
जोगी समर्थकों और प्रशासन के बीच तीखी बहस
प्रतिमा को पुनः स्थापित करने को लेकर जोगी समर्थकों और अधिकारियों के बीच बहस देखने को मिली। जोगी कांग्रेस के नेता और अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी अपने समर्थकों के साथ मंगलवार रात से धरने पर बैठे हैं। उन्होंने कहा, “या तो यहां स्वर्गीय अजीत जोगी की मूर्ति लगेगी या फिर मेरी अर्थी उठेगी।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने उन्हें मूर्ति लगाने का आश्वासन दिया था।
भाजपा ने जताई आपत्ति
ज्योतिपुर चौक पर अजीत जोगी की मूर्ति को लेकर विवाद के बीच भाजपा नेताओं ने SDM को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका परिषद की सामान्य सभा में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव पारित हुआ था। लेकिन इसके स्थान पर ठेकेदार द्वारा अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापित कर दी गई।
भाजपा जिला अध्यक्ष लालजी यादव ने बताया कि 22 मई को नगर पालिका द्वारा पत्र जारी कर किसी भी अन्य प्रतिमा को हटाने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने बिना अनुमति मूर्ति लगाए जाने की निंदा करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की।
प्रशासन की कार्रवाई
इस विवाद के बीच SDM ऋचा चंद्राकर ने जोगी समर्थकों को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। सोमवार को मूर्ति को क्रेन की मदद से रात 2:18 बजे हटाया गया था। यह मूर्ति तीन दिन पहले ही स्थापित की गई थी और 29 मई को अजीत जोगी की पुण्यतिथि पर इसका अनावरण होना था।
मूर्ति क्षतिग्रस्त मिली, FIR दर्ज
मूर्ति बाद में नगरपालिका परिसर में क्षतिग्रस्त हालत में मिली। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। घटना के विरोध में JCC(J) कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए हैं।
दो बीजेपी नेताओं को नोटिस
सीसीटीवी फुटेज में प्रतिमा को लाते वक्त भाजपा नेता दीपक शर्मा और प्रदीप जायसवाल नजर आए। पुलिस ने दोनों को थाने में उपस्थित होने का नोटिस भेजा है। साथ ही नगर पालिका का CCTV DVR भी जब्त कर लिया गया है।
ठेकेदार को पहले ही मिला था निर्देश
नगरपालिका के CMO नारायण साहू ने मूर्ति लगाए जाने पर आपत्ति जताते हुए तीन दिन पहले ही ठेकेदार को मूर्ति हटाने के लिए 24 घंटे का समय दिया था।
इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में गहरा रोष है। प्रशासन और राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे पर टकराव की स्थिति बनी हुई है।