बदलते बस्तर की तस्वीर : कृषि से लेकर संस्कृति तक नई उड़ान

हमारा बस्तर” ऐतिहासिक संगोष्ठी में डॉ. राजाराम त्रिपाठी सहित कई हस्तियाँ सम्मानित

मुख्य झलकियां:

1. कृषि क्रांति की पहचान – डॉ. राजाराम त्रिपाठी का सम्मान।
2. जनप्रिय नेत्री लता उसेंडी ने बस्तर की सुविधाओं में आए ऐतिहासिक बदलाव को रेखांकित किया।
3. शिक्षा, समाज सेवा, पत्रकारिता और खेल के क्षेत्र के योगदानकर्ताओं को भी सम्मान मिला।
4. संगोष्ठी ने बस्तर को अवसरों और संभावनाओं की नई धरती के रूप में प्रस्तुत किया।
5. खचाखच भरे सभागार में उल्लेखनीय रूप से पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की उपस्थिति रही ।

कोंडागांव, 29 अक्टूबर:

कोंडागांव नगर के इनडोर स्टेडियम सभागार में सोमवार को पायोनियर समूह द्वारा आयोजित “हमारा बस्तर – बदलता बस्तर” विषयक बहुआयामी भव्य कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम में बदलते बस्तर की सकारात्मक तस्वीर विषय पर अतिथियों तथा विषय विशेषज्ञों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये। विचार गोष्ठी के उपरांत बस्तर के कृषि, समाज सेवा, पत्रकारिता, शिक्षा और खेल जैसे विविध क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की मुख्यअतिथि लता उसेंडी विधायक कोंडागांव थी तथा विशिष्ट अतिथियों में कोंडागांव नगर पालिका के अध्यक्ष नरपति पटेल उपाध्यक्ष श्री जसकेतु उसेंडी, जनपद अध्यक्ष सुश्री रीता सोरी, आईटीबीपी के प्रमुख श्री रविंद्र दहिया तथा अन्य उच्च अधिकारी एवं अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी पायनियर समूह के प्रमुख एएन द्विवेदी एवं सारा पीआर के फाउंडर आशीष मिश्रा के साथ मंच पर विराजमान थे।

कृषि क्षेत्र में सम्मान:

मुख्य अतिथि भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक सुश्री लता उसेंडी ने कहा कि उनके बचपन में बस्तर के गाँवों में सड़क, बिजली, पानी और स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाएँ लगभग नदारद थीं। लेकिन आज वही गाँव स्टेडियम, सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए वाद्य यंत्र और खेल सुविधाएँ मांग रहे हैं। यह बदलाव बस्तर की वास्तविक प्रगति की तस्वीर है।

इस अवसर पर जैविक खेती तथा हर्बल खेती के जरिए बस्तर की तस्वीर को बदलने में विगत 30 वर्षों से लगातार जुटे एवं खेती में अपने नवाचारों के जरिए पूरे देश विदेश में धूम मचाने वाले, सात बार देश के सर्वश्रेष्ठ किसान का राष्ट्रीय अवार्ड हासिल करने वाले कोंडागांव की डॉक्टर राजाराम त्रिपाठी को कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान सुश्री लता उसेंडी तथा पायोनियर के मुख्य संपादक ए. एन. द्विवेदी ने संयुक्त रूप से प्रदान किया।

पत्रकारिता और अन्य क्षेत्रों का योगदान:

अपने उद्बोधन में डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि ,
कभी रायपुर से सब्जियाँ बस्तर आती थीं, जबकि आज बस्तर से हरी सब्जियाँ केवल रायपुर ही नहीं बल्कि कोलकाता और मुंबई तक पहुँच रही हैं। बस्तर की काली मिर्च ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है और यहाँ की जड़ी-बूटियों की मांग पूरे देश के साथ ही विदेशों में भी लगातार बढ़ रही है।

वरिष्ठ पत्रकार तथा पायनियर की टीम के मुख्य संपादक सए. एन. द्विवेदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि “बस्तर की सकारात्मक बदलाव यात्रा में पत्रकारिता ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और ‘पायोनियर’ सदैव उसका केवल साक्षी ही नहीं रहा बल्कि अपनी ओर से यथासंभव योगदान भी देता आया है।”

संगोष्ठी में विविध क्षेत्रों के अन्य योगदानकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया। कला के क्षेत्र में तीजू राम बघेल, गेम वैष्णव तथा राजेंद्र बघेल, पत्रकारिता के क्षेत्र में शंभू यादव,अनुज नहरिया, खेल (तीरंदाजी) में ITBP, महेंद्र यदु,समाज सेवा में रिटायर्ड सैनिक संगठन के सुब्रत डे, शिक्षा क्षेत्र में आत्माराम स्कूल तथा समाजसेवी प्रवीण जैन , विनु भाई , गायत्री परिवार की श्री महाप्राण आदि विशिष्ट विभूतियों को बस्तर की सकारात्मक बदलाव में उनके विशेष योगदान हेतु सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम में राजेंद्र नायर के द्वारा देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया तथा छात्र-छात्राओं के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री शिवप्रकाश शर्मा जी के द्वारा किया गया, जिन्हें इस विशिष्ट विधा में उल्लेखनीय योगदान हेतु सम्मानित भी किया गया।

निष्कर्ष:

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और विशिष्ट अतिथियों तथा समाज के सभी वर्गों के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने इस संगोष्ठी को ऐतिहासिक बना दिया। “हमारा बस्तर – बदलता बस्तर” ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि अब बस्तर केवल प्राकृतिक संसाधनों का भंडार नहीं, बल्कि अवसरों और संभावनाओं की नई धरती बन चुका है।