बिलासपुर के भंवर गणेश मंदिर से प्राचीन गरुड़ भगवान की मूर्ति फिर चोरी

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध भंवर गणेश मंदिर से एक बार फिर प्राचीन गरुड़ भगवान की मूर्ति चोरी हो गई है। काले ग्रेनाइट से बनी यह बेशकीमती मूर्ति 10वीं शताब्दी की बताई जाती है। ग्रामीणों के अनुसार सोमवार की सुबह मंदिर के गर्भगृह में स्थापित मूर्ति का आधा हिस्सा गायब मिला, जिसके बाद तुरंत सरपंच और कोटवार को जानकारी दी गई और फिर पुलिस को इसकी सूचना पहुंचाई गई।

छठवीं बार चोरी हुई प्राचीन मूर्ति

यह प्राचीन मूर्ति बार-बार चोरी का शिकार हो रही है। पहली बार इसे 2004 में चोरों ने उखाड़ने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने मूर्ति बरामद कर ली थी। इसके बाद 2006, 2007 और 2022 में भी चोरों ने प्रतिमा चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। अगस्त 2022 में तो चोरों ने मंदिर के सेवादार को हथियार के बल पर बंधक बना लिया था और प्रतिमा को लूट लिया था। हालांकि, पुलिस ने उस समय चोरों को गिरफ्तार कर मूर्ति बरामद कर ली थी।

पिछले साल 2024 में भी चोरों ने प्रतिमा को औजारों से खंडित कर तीन फीट ऊंची और करीब 65 किलो वजनी मूर्ति का आधा हिस्सा चोरी कर लिया था। अब बचे हुए हिस्से को भी चोरों ने उखाड़कर गायब कर दिया है।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व के बावजूद मंदिर और मूर्तियों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग ने अब तक ठोस इंतजाम नहीं किए हैं। यही कारण है कि लगातार चोरी की घटनाएं हो रही हैं।

इस पर एसएसपी रजनेश सिंह ने कहा कि ऐसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी है, ताकि संदिग्ध गतिविधियों पर पुलिस निगरानी रख सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

ऐतिहासिक धरोहर का महत्व

मल्हार के पास स्थित इटवा पाली गांव का भंवर गणेश मंदिर प्राचीनकालीन मूर्तिकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। यहां स्थापित गरुड़ भगवान की मूर्ति डिड़िनेश्वरी देवी मंदिर की समकालीन मानी जाती है। इतिहासकार बताते हैं कि 7वीं से 10वीं सदी के बीच मल्हार क्षेत्र में बौद्ध और हिंदू स्मारकों का निर्माण बड़ी संख्या में हुआ, जिनमें भंवर गणेश मंदिर की विशेष पहचान है।