“सुशासन एक्सप्रेस” – रायपुर जिले में जनता को घर-घर मिल रही शासन की सेवाएं

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर रायपुर जिला प्रशासन ने आम जनता को शासन की योजनाओं और सेवाओं को घर के समीप पहुंचाने के लिए “सुशासन एक्सप्रेस” नामक अभिनव पहल शुरू की है। 29 मई को ग्राम भैंसा में आयोजित समाधान शिविर में मुख्यमंत्री द्वारा इसका शुभारंभ किया गया था। कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन में प्रारंभ की गई यह पहल अब जनसमस्याओं के त्वरित निदान का सफल मॉडल बन चुकी है।
67 हजार से अधिक आवेदनों का हुआ त्वरित निराकरण
अब तक सुशासन एक्सप्रेस के माध्यम से 75,864 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 67,788 का त्वरित निराकरण किया गया है। शेष आवेदनों पर प्राथमिकता से कार्यवाही जारी है।
इस पहल से हजारों ग्रामीणों को लाभ मिला है, जिनमें –
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15,741 को आय प्रमाण पत्र
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5741 को जाति प्रमाण पत्र
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4273 को निवास प्रमाण पत्र
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7536 को आयुष्मान भारत कार्ड
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6014 को राशन कार्ड
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8269 को ड्राइविंग लाइसेंस
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2051 को नरेगा जॉब कार्ड
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5070 को आधार कार्ड
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814 को पेंशन
सहित दर्जनों सेवाएं शामिल हैं।
गांव में ही ‘वन-स्टॉप कैंप’
सुशासन एक्सप्रेस किसी भी गांव में पहुंचने से तीन दिन पहले सूचना जारी की जाती है। मौके पर पटवारी, पंचायत सचिव, स्वास्थ्य टीम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आयुष्मान व आधार कार्ड बनाने वाले कर्मचारी सहित जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहते हैं। इस तरह गांव में ही वन-स्टॉप शिविर तैयार हो जाता है।
ग्रामीणों ने जताया आभार
ग्राम पंचायत संकरी के युवा उत्तम साहू को गांव में ही लर्निंग लाइसेंस मिला। वहीं, राजेश कुमार यादव का राशन कार्ड सुशासन रथ से बन गया। दोनों ने मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन के प्रति आभार जताते हुए कहा कि अब उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
नाम मात्र खर्च में बड़ी पहल
कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन ने कंडम हो चुकी 4 एंबुलेंस को मरम्मत कर सुशासन एक्सप्रेस में परिवर्तित किया। नाम मात्र खर्च में तैयार की गई यह मोबाइल सेवा वैन ग्रामीण अंचलों में सुशासन की नई राह प्रशस्त कर रही है।
दूसरे चरण की शुरुआत
अभनपुर, आरंग, धरसींवा और तिल्दा विकासखंड में प्रथम चरण की सफलता के बाद अब दूसरे चरण की शुरुआत की जा चुकी है। इसमें भी ग्रामीण इलाकों में सुशासन एक्सप्रेस निर्धारित तिथियों पर पहुंचकर आवेदनों का त्वरित निराकरण कर रही है।
रायपुर जिले की सुशासन एक्सप्रेस वास्तव में शासन की इच्छाशक्ति और नवाचार का ऐसा मॉडल है, जो अंतिम व्यक्ति तक शासकीय सेवाएं पहुंचाने में अनुकरणीय साबित हो रहा है।