महंगाई दर में हल्की गिरावट

खुदरा महंगाई लगभग 0.7% के आसपास; खाद्य व ईंधन कीमतों में नरमी, पर कोर इंफ्लेशन चिंता का विषय

देश में खुदरा महंगाई दर में इस महीने मामूली सुधार दर्ज किया गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई लगभग 0.7% के स्तर पर रही, जो पिछले महीने की तुलना में हल्की गिरावट दर्शाती है। खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में आई नरमी ने कुल महंगाई पर दबाव कम किया है।

खाद्य कीमतों में राहत

सब्जियों, अनाज और दालों की कीमतों में स्थिरता के कारण खाद्य महंगाई के स्तर में कमी आई है। विशेष रूप से प्याज और टमाटर जैसी तेजी से बढ़ने वाली वस्तुओं के दाम इस महीने स्थिर दिखे, जिससे उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिली।

ईंधन कीमतों में नरमी

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम घटने के चलते ईंधन श्रेणी में भी हल्की गिरावट देखी गई। इससे परिवहन लागत पर भी सकारात्मक असर पड़ा, जो संपूर्ण मूल्य श्रृंखला पर महंगाई दबाव को घटाने में सहायक रहा।

कोर इंफ्लेशन अभी भी चिंता का कारण

हालांकि खाद्य और ईंधन से मिली राहत के बावजूद कोर इंफ्लेशन (जिसमें इन दोनों श्रेणियों को शामिल नहीं किया जाता) अब भी ऊँचे स्तर पर बना हुआ है। शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और अन्य सेवाओं की बढ़ती लागत ने इस श्रेणी को ऊँचा बनाए रखा है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि कोर महंगाई का ऊँचा रहना मांग–आधारित दबाव को दर्शाता है, और इसे नियंत्रित करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है।

आगे की राह

विशेषज्ञों का अनुमान है कि वैश्विक बाजार, मौसम और घरेलू आपूर्ति की स्थिति आने वाले महीनों में महंगाई की दिशा तय करेंगे। रिज़र्व बैंक द्वारा ब्याज दरों से संबंधित आगामी निर्णयों पर भी बाजार की नजर रहेगी।

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