SIR वर्किंग: छत्तीसगढ़ 12 राज्यों में 10वें नंबर पर; अब तक 99.23% फॉर्म वितरित, 57.88% डिजिटाइजेशन पूरा, लक्षद्वीप शीर्ष पर
रायपुर।
विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) कार्यों की अंतर-राज्यीय प्रगति रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ 12 राज्यों में 10वें स्थान पर है। राज्य में अब तक 99.23 प्रतिशत फॉर्म वितरण का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है, जबकि 57.88 प्रतिशत फॉर्म का डिजिटाइजेशन हो सका है। यह प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत की तुलना में धीमा माना जा रहा है।
वहीं, इस सूची में लक्षद्वीप ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए शीर्ष स्थान हासिल किया है। कई राज्यों ने डिजिटाइजेशन के आँकड़ों में तेज़ प्रगति दिखाई है, जिससे छत्तीसगढ़ पर काम की रफ्तार बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है।
छत्तीसगढ़ की वर्तमान स्थिति
चुनाव आयोग की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार:
| पैरामीटर | उपलब्धि (छत्तीसगढ़) |
|---|---|
| फॉर्म वितरण | 99.23% |
| फॉर्म संग्रहण | प्रगति जारी |
| डिजिटाइजेशन | 57.88% |
| राज्यों में रैंक | 10वां स्थान (12 में से) |
चुनावी अधिकारियों का कहना है कि फील्ड स्टाफ तैनाती और ग्रामीण इलाकों में भौगोलिक चुनौतियों के कारण डिजिटाइजेशन की गति प्रभावित हुई है।
लक्षद्वीप शीर्ष पर, अन्य राज्य आगे
रिपोर्ट के अनुसार,
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लक्षद्वीप ने फॉर्म वितरण और डिजिटाइजेशन दोनों में लगभग पूर्ण उपलब्धि दर्ज की है।
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कई उत्तर-पूर्वी राज्यों ने भी अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया है।
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शहरी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होने के कारण कुछ राज्यों में गति काफी तेज रही।
गति धीमी क्यों? छत्तीसगढ़ में मुख्य चुनौतियाँ
विशेषज्ञों और अधिकारियों का मानना है कि राज्य के पिछड़ने की प्रमुख वजहें हैं:
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दूरस्थ और पहाड़ी क्षेत्रों में फॉर्म कलेक्शन की कठिनाई
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स्टाफ की सीमित उपलब्धता
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बड़े जिलों में कार्यभार अधिक होना
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डिजिटाइजेशन टीमों की कमी
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नेटवर्क कनेक्टिविटी समस्याएँ
इन चुनौतियों के बावजूद राज्य ने वितरण में लगभग शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर ली है।
आगे क्या? प्रशासन की रणनीति
चुनाव आयोग और राज्य प्रशासन ने निम्न कदम तेज करने के निर्देश दिए हैं:
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डिजिटाइजेशन टीमों की संख्या बढ़ाना
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जिलों में साप्ताहिक प्रगति समीक्षा
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फील्ड स्टाफ के लिए विशेष प्रशिक्षण
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कनेक्टिविटी कमजोर इलाकों में मोबाइल यूनिट भेजना
अधिकारियों का लक्ष्य है कि आने वाले हफ्तों में डिजिटाइजेशन 90 प्रतिशत से ऊपर पहुँचाया जाए।
आम मतदाता पर इसका क्या असर?
SIR की रफ्तार सीधे मतदाता सूची की गुणवत्ता और अपडेट प्रक्रिया को प्रभावित करती है।
इसका प्रभाव:
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नए मतदाताओं के नाम जुड़ने में देरी हो सकती है।
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पते बदलने/नाम सुधार जैसी प्रक्रियाएँ धीमी हो सकती हैं।
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अंतिम मतदाता सूची जारी होने में समय लग सकता है।
