भारत-पाक तनाव के बीच रेलवे और पुलिस हाई अलर्ट पर, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की गर्मी की छुट्टियां टलीं

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारतीय रेलवे ने देशभर के स्टेशनों पर सतर्कता बढ़ा दी है। बिलासपुर जोनल रेलवे स्टेशन समेत जोन में RPF अलर्ट मोड पर है। रायपुर में भी ट्रेनों और स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है। CCTV कैमरों से संदिग्धों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

वहीं डॉग स्क्वायड की मदद से जांच अभियान भी तेज़ी से चलाया जा रहा है। यात्रियों को माइक से लगातार सतर्क किया जा रहा है, ताकि किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना मिल सके। प्लेटफार्म के साथ ही ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

इसके साथ ही पुलिस विभाग भी हाई अलर्ट पर है। पुलिसकर्मियों को सिर्फ इमरजेंसी में ही छुट्टियां मिलेंगी। पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी किया है। वहीं, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी समर वेकेशन पोस्टपोन कर दिया है।

संदिग्ध स्थिति पर तत्काल सूचना देने की अपील

रायपुर रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अवधेश कुमार त्रिवेदी ने फ्रंटलाइन स्टाफ को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यात्रियों से अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें।

अब प्लेटफार्म और कोच की निगरानी

रेलवे अलर्ट के बाद सभी स्टेशनों पर निगरानी और सघन जांच तेज़ कर दी गई है। ट्रेनों व यार्ड में डॉग स्क्वायड की मदद ली जा रही है। RPF जवान प्लेटफॉर्म पर लगातार निगरानी कर रहे हैं।

दो दिन पहले हुआ था मॉकड्रिल

दो दिन पहले बिलासपुर ज़ोन में मॉकड्रिल के ज़रिए आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारियों को परखा गया। हूटर बजाकर बम विस्फोट की सूचना दी गई और संबंधित एजेंसियों की प्रतिक्रिया समय की जांच की गई।

हेल्पलाइन और सूचना केंद्र सक्रिय

बिलासपुर, अनूपपुर, उसलापुर, चांपा, कोरबा और रायगढ़ स्टेशनों पर सूचना बूथ बनाए गए हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।

पुलिसकर्मियों को मुख्यालय न छोड़ने के निर्देश

राज्य के DGP ने सभी इकाई प्रमुखों को निर्देश जारी किया है कि अधिकारी बिना अनुमति के जिला मुख्यालय न छोड़ें। अति आवश्यक स्थिति में ही छुट्टियां दी जाएंगी।

समर वेकेशन आगे बढ़ाने के खिलाफ बार एसोसिएशन

हाईकोर्ट के समर वेकेशन को 2 जून से 28 जून तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि, बार एसोसिएशन ने इसका विरोध किया है और इसे अनुचित बताया है। अधिवक्ताओं ने रजिस्ट्रार जनरल को पत्र सौंपकर विरोध जताया है।

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