पोप फ्रांसिस के अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार में शामिल होने वेटिकन पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज वेटिकन सिटी के लिए रवाना हो गईं, जहां वे कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार में हिस्सा लेंगी। उनके साथ भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू, राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष जोशुआ डि’सूजा भी मौजूद हैं।
पोप फ्रांसिस का निधन
21 अप्रैल को 88 वर्ष की आयु में पोप फ्रांसिस का निधन हो गया था। वे स्ट्रोक और हार्ट फेलियर से पीड़ित थे। निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर सेंट पीटर्स बेसिलिका में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। आज अंतिम दर्शन का अंतिम दिन है, और आज शाम को उनका ताबूत बंद कर दिया जाएगा।
26 अप्रैल को अंतिम संस्कार
पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार 26 अप्रैल को किया जाएगा, जिसमें दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्ष, धर्मगुरु और आम नागरिक शामिल होंगे। भारत सरकार की ओर से उनके निधन पर तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है।
वेटिकन के बाहर होगा दफन
इस बार एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है – पोप फ्रांसिस को वेटिकन सिटी में दफन नहीं किया जाएगा। वे एक सदी से भी अधिक समय में वेटिकन के बाहर दफन किए जाने वाले पहले पोप होंगे। उन्हें रोम की टाइबर नदी के उस पार स्थित सांता मारिया मैगीगोर बेसिलिका में दफनाया जाएगा।
पोप ने दिसंबर 2023 में अपनी यह इच्छा सार्वजनिक की थी। उन्होंने बताया था कि उनका इस बेसिलिका से विशेष भावनात्मक जुड़ाव है और वे अक्सर वर्जिन मैरी के सम्मान में वहां प्रार्थना करने जाते थे। इससे पहले पोप लियो XIII को 1903 में वेटिकन से बाहर दफनाया गया था।
स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से जूझते रहे
पिछले कुछ समय से पोप फ्रांसिस स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें 14 फरवरी को निमोनिया और एनीमिया के इलाज के लिए रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके फेफड़ों में संक्रमण था और जांचों में किडनी फेल होने के संकेत भी मिले थे। हालांकि, 14 मार्च को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
अपनी मृत्यु से एक दिन पहले, उन्होंने मौन रूप में ईस्टर संडे का आशीर्वाद दिया और गाजा सहित दुनियाभर के संघर्ष क्षेत्रों में शांति की अपील की थी।