छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को एक घंटे के लिए सभा करेंगे। यह सभा दोपहर 2 बजे शुरू होगी और भीषण गर्मी के बीच आयोजित की जाएगी। इस दौरान किसी को भी बिना जांच के सभा स्थल में प्रवेश नहीं मिलेगा, और लोगों को सभा स्थल पर तीन घंटे पहले पहुंचना होगा।
सुरक्षा व्यवस्था के तहत बिलासपुर सहित प्रदेशभर से करीब 3 हजार जवान गुरुवार को सभास्थल पहुंचे, जहां उन्हें पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ा। पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) के अधिकारी भी बिलासपुर पहुंच गए हैं। उन्होंने कलेक्ट्रेट में देर शाम से रात तक जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की।
प्रधानमंत्री मोदी की सभा को लेकर शासन-प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है और कार्यक्रम की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। सभास्थल और आसपास के इलाकों की सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जा रहा है। गुरुवार को कलेक्टर अवनीश शरण ने समीक्षा बैठक में सीएम विष्णुदेव साय को तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी।
साथ ही बताया कि सभास्थल पर बैठने की व्यवस्था से लेकर वाहन पार्किंग तक विशेष इंतजाम किए गए हैं, ताकि गर्मी में लोगों को सभास्थल तक आने के लिए ज्यादा दूरी तक पैदल न चलना पड़े।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, बिना जांच के किसी को भी सभास्थल पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके लिए सभास्थल पर 1500 मेटल डिटेक्टर गेट लगाए जाएंगे। लोगों को तीन घंटे पहले पहुंचने की सलाह दी गई है, ताकि समुचित जांच के बाद उन्हें सभा स्थल में प्रवेश मिल सके। सभास्थल पर जिला प्रशासन द्वारा बैठने और पानी की व्यवस्था की जाएगी।
एसपीजी के अधिकारियों ने बैठक में सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के दिशा-निर्देश दिए।
पानी की कमी और पार्किंग व्यवस्था की चुनौती
सभास्थल शहर से दूर है, और आसपास चाय-नाश्ता तो दूर पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है। गुरुवार को जब सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात पुलिस जवान पहुंचे, तब उन्हें पानी के लिए संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान एक बर्फ और कुल्फी बेचने वाला वहां पहुंचा, तब पुलिसकर्मी पानी और बर्फ के लिए उमड़ पड़े। देखते ही देखते वह बर्फ का डिब्बा खाली हो गया, जिससे जवानों को मायूसी का सामना करना पड़ा।
पार्किंग स्थल पर भी खास व्यवस्था की जा रही है। मोहभट्ठा में सभास्थल के पास पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है, जहां अलग-अलग जिलों के वाहनों के लिए कलर कोडिंग की जाएगी, ताकि लोग भटकने न पाए। पार्किंग स्थल और कार्यक्रम स्थल पर हितग्राहियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था की जा रही है।