प्रधानमंत्री मोदी का थाईलैंड दौरा: भारत-थाईलैंड संबंधों को नई गति, ऐतिहासिक मुलाकातें और रणनीतिक सहयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, गुरुवार को 2 दिन के थाईलैंड दौरे पर पहुंचे। बैंकॉक में भारतीय समुदाय से मुलाकात के बाद, उन्होंने थाई रामायण का मंचन भी देखा, जिसे रामाकेन के नाम से जाना जाता है। इसके बाद, पीएम मोदी ने थाईलैंड की प्रधानमंत्री पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा से द्विपक्षीय मुलाकात की, जिसमें दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों पर चर्चा की गई।
यात्रा का अगला दिन: BIMSTEC सम्मेलन और बांग्लादेश की सरकार से मुलाकात की संभावना
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को BIMSTEC सम्मेलन में भाग लेंगे और इसके बाद बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया यूनुस खान से मुलाकात कर सकते हैं, जैसा कि यूनुस के सलाहकार खलीलुर रहमान ने संकेत दिया है। यह बैठक बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद दोनों देशों के नेताओं की पहली मुलाकात हो सकती है।
थाईलैंड के राजा से मुलाकात और ऐतिहासिक मंदिर यात्रा की योजना
शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न और रानी सुथिदा से भी मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, वे थाईलैंड के प्रसिद्ध वात फो मंदिर भी जा सकते हैं, जहां वे विशाल लेटे बुद्ध की प्रतिमा देख सकते हैं। यह मंदिर थाईलैंड के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है और इसके अंदर हजारों बुद्ध प्रतिमाएं और स्तूप हैं।
भारत-थाईलैंड संबंधों की लंबी और मजबूत विरासत
भारत और थाईलैंड के संबंध दो हजार साल से भी पुराने हैं। प्राचीन भारत से बौद्ध धर्म और हिंदू संस्कृति थाईलैंड पहुंची, और थाईलैंड में रामायण को ‘रामकियेन’ के रूप में देखा जाता है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध भी काफी मजबूत रहे हैं और हाल के वर्षों में थाईलैंड ने भारत में बड़े निवेश किए हैं।
आसियान देशों में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
थाईलैंड, आसियान देशों में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2021 में थाई कंपनी ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में करीब 3880 करोड़ रुपए का निवेश किया। इसके अलावा, थाईलैंड ने भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, एग्रो प्रोसेसिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य क्षेत्रों में भी बड़े निवेश किए हैं।
भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी में थाईलैंड का महत्वपूर्ण स्थान
भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत थाईलैंड का अहम स्थान है। यह नीति भारत और आसियान देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए तैयार की गई है, और थाईलैंड इसमें एक महत्वपूर्ण साझेदार है।
पर्यटन और धार्मिक यात्रा में भी महत्वपूर्ण भूमिका
2024 में भारत से थाईलैंड जाने वाले पर्यटकों की संख्या में लगभग 30% का इजाफा हुआ है। थाईलैंड के बौद्ध धर्म स्थलों की यात्रा भारतीय पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण है, और इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक साझेदारी भी गहरी है।
भारत और थाईलैंड का संयुक्त सुरक्षा और खुफिया सहयोग
भारत और थाईलैंड ने सीमा पर अवैध तस्करी और आतंकवाद पर काबू पाने के लिए संयुक्त सुरक्षा और खुफिया सहयोग बढ़ाया है, खासकर ‘गोल्डन ट्राएंगल’ क्षेत्र से ड्रग्स की तस्करी को रोकने के लिए।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा दोनों देशों के रिश्तों में नई गहरी साझेदारी और सहयोग को बढ़ावा देगा।