“ब्रासीलिया में शिव तांडव और शास्त्रीय नृत्य से हुआ PM मोदी का स्वागत, पीएम से राष्ट्रपति सिल्वा की मुलाकात आज; कल रवाना होंगे नामीबिया”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट में शामिल होने के बाद मंगलवार को रियो डी जनेरियो से ब्रासीलिया पहुंचे। ब्राजील की राजधानी में उनका पारंपरिक भारतीय शैली में शिव तांडव स्तोत्र और शास्त्रीय नृत्य से स्वागत किया गया। इसके बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा से मुलाकात कर उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, कृषि, अंतरिक्ष, तकनीक और स्वास्थ्य जैसे विषयों पर चर्चा की।

संस्कृति और सम्मान के रंग में रंगा ब्राजील दौरा

प्रधानमंत्री के स्वागत में रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजे ब्राजीलियाई कलाकारों ने सांबा और रेगे नृत्य प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सांस्कृतिक कार्यक्रम को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए ब्राजील की समृद्ध विरासत की सराहना की।

ग्लोबल एजेंडे पर भारत की आवाज

ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थ्य, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और आतंकवाद जैसे अहम मुद्दों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा। उन्होंने स्पष्ट किया कि:

  • “बीमारी न पासपोर्ट देखती है, न वीजा” – कोविड महामारी ने दिखाया कि वैश्विक संकटों का समाधान मिलकर ही संभव है।

  • धरती और मानव स्वास्थ्य एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं, और इस संतुलन को कायम रखने के लिए समन्वय जरूरी है।

पहल और प्रस्ताव: मोदी के प्रमुख सुझाव

  1. BRICS रिसर्च सेंटर: साझा विज्ञान और तकनीक के लिए एक केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म का प्रस्ताव।

  2. AI Impact Summit: भारत जल्द ही AI पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगा।

  3. डिजिटल कंटेंट वेरिफिकेशन: सूचना की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक तंत्र की आवश्यकता पर बल।

  4. संसाधनों के गलत इस्तेमाल पर रोक: वैश्विक संसाधनों को हथियार न बनाया जाए।

आतंकवाद पर भारत का कड़ा रुख

प्रधानमंत्री मोदी ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल भारत ही नहीं, पूरी मानवता पर हमला है। उन्होंने सभी देशों से आतंकवाद पर एकमत होकर सिद्धांत आधारित निंदा की अपील की, न कि सुविधा आधारित।

  • “आतंकियों और उनके समर्थकों को एक तराजू पर नहीं तौला जा सकता।”

  • राजनीतिक लाभ के लिए आतंकवाद का मौन समर्थन मानवता के साथ विश्वासघात है।

नई विश्व व्यवस्था की आवश्यकता

प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), WTO, और न्यू डेवलपमेंट बैंक में सुधार की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि वर्तमान ढांचे में ग्लोबल साउथ के हितों की उपेक्षा होती है। भारत की भूमिका हमेशा मानवता केंद्रित रही है।

ब्रिक्स का विस्तार और अमेरिका की प्रतिक्रिया

ब्रिक्स ने अपने 17वें सम्मेलन में 126 बिंदुओं वाला घोषणा पत्र जारी किया जिसमें वैश्विक आतंकवाद, टैरिफ नीतियों और मध्य-पूर्व के हालात पर चिंता जताई गई। इसी के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने BRICS से जुड़ने वाले नए देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है।

हालांकि, BRICS के घोषणापत्र में किसी विशेष देश का नाम नहीं लिया गया, लेकिन WTO नियमों के खिलाफ बढ़ते टैरिफ को वैश्विक व्यापार के लिए खतरा बताया गया।

भारत की 5 देशों की यात्रा का पड़ाव

प्रधानमंत्री मोदी 2 जुलाई से 10 जुलाई तक 5 देशों के दौरे पर हैं। अब तक वे घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, और अर्जेंटीना की यात्रा कर चुके हैं। फिलहाल वे ब्राजील में हैं और इसके बाद नामीबिया के लिए रवाना होंगे।

BRICS: एक परिचय

BRICS अब 11 देशों का संगठन बन चुका है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई, सऊदी अरब और इंडोनेशिया शामिल हैं। इसकी स्थापना एक बहुध्रुवीय विश्व की सोच के साथ की गई थी, ताकि विकासशील देशों को वैश्विक मंच पर सशक्त आवाज मिले।

2009 में इसकी पहली औपचारिक बैठक हुई थी और 2014 में न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना ने इसे वित्तीय दिशा भी दी। BRICS अब एक आर्थिक, सामाजिक और रणनीतिक आंदोलन बन चुका है, जो पश्चिमी प्रभुत्व के विकल्प की तरह उभर रहा है।