सुप्रीम कोर्ट में फ्लाइट कैंसिलेशन पर दखल, जनहित याचिका दायर
देशभर में लगातार फ्लाइट कैंसिलेशन के बीच मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। हवाई यात्रियों के एक समूह ने जनहित याचिका दायर की है, जिसमें एयरलाइनों द्वारा बिना पूर्व सूचना उड़ानें रद्द किए जाने और यात्रियों को समय पर सहायता न देने पर सवाल उठाए गए हैं।
याचिका में क्या मांग की गई?
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मुख्य रूप से तीन मांगें की गई हैं:
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फ्लाइट कैंसिलेशन के नियमों को सख्त बनाया जाए
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यात्रियों को स्वचालित रिफंड और मुआवजा दिया जाए
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एयरलाइनों को अचानक रद्दीकरण पर पेनाल्टी दी जाए
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि बार-बार रद्द होने वाली उड़ानों से आम यात्रियों को भारी नुकसान हो रहा है और मौजूदा नियम पर्याप्त नहीं हैं।
कोर्ट में सुनवाई की तैयारी
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने याचिका को स्वीकार किया है और मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कोर्ट इस पर विस्तृत सुनवाई करता है, तो:
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एयरलाइनों के संचालन नियम बदल सकते हैं
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यात्रियों के अधिकार और मजबूत हो सकते हैं
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फ्लाइट संचालन में पारदर्शिता बढ़ सकती है
पृष्ठभूमि
पिछले कुछ दिनों में कई एयरलाइनों ने:
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बड़ी संख्या में उड़ानें कैंसिल की हैं
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यात्रियों को कम सूचना दी
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वैकल्पिक व्यवस्था समय पर नहीं की
इससे देश के दर्जनों हवाईअड्डों पर यात्री घंटों तक फंसे रहे।
सरकार की प्रतिक्रिया
नागरिक उड्डयन मंत्रालय पहले ही एयरलाइनों से रिपोर्ट मांग चुका है।
सूत्रों का कहना है कि यदि स्थिति सुधरी नहीं, तो नियामक कार्रवाई हो सकती है।
आगे क्या?
सुप्रीम कोर्ट की प्रारंभिक सुनवाई आने वाले दिनों में तय हो सकती है।
याचिकाकर्ता आशा कर रहे हैं कि न्यायालय:
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यात्रियों के हितों की रक्षा करेगा
- कैंसिलेशन व्यवस्था में सुधार का निर्देश देगा
