छत्तीसगढ़ में हाल ही में संपन्न नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के कई बड़े नेताओं के रिश्तेदार चुनावी मैदान में थे। इन रिश्तेदारों में मुख्यमंत्री के समधी, मंत्री की बहू, पूर्व मंत्रियों की पत्नी-बेटे और भतीजों सहित अन्य परिवार के सदस्य शामिल थे। कुछ रिश्तेदारों को जहां जीत मिली, वहीं कई को हार का सामना भी करना पड़ा।
सीएम साय के समधी की बड़ी जीत
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समधी, टीकाराम कंवर ने धमतरी जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 9 से शानदार जीत दर्ज की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को लगभग 9,500 वोटों के अंतर से हराया। यह जीत भाजपा के लिए एक बड़ी सफलता है, क्योंकि इस क्षेत्र में 20 सालों के बाद भाजपा ने जीत हासिल की है। टीकाराम कंवर, जो 1982 में थानेदार के पद पर थे, अब 2025 में जिला पंचायत सदस्य बने हैं।
मंत्री श्यामबिहारी की बहू की हार
मनेंद्रगढ़ के झगराखांड नगर पंचायत में मंत्री श्यामबihari जायसवाल की बहू चंपा जायसवाल को हार का सामना करना पड़ा। चंपा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रही थीं, लेकिन कांग्रेस की रीमा यादव ने यहां जीत हासिल की। मंत्री श्यामबihari जायसवाल ने चुनाव प्रचार किया था, लेकिन उनकी बहू को हार का सामना करना पड़ा, जो पार्टी के लिए एक निराशाजनक परिणाम था।
पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के भतीजे की हार
बालोद जिले के गुरूर जनपद क्षेत्र में प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के भतीजे तोषण साहू को भाजपा समर्थित दुर्गानंद साहू ने एक हजार वोटों से हरा दिया। तोषण साहू जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 से चुनाव लड़ रहे थे। इस क्षेत्र में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों ने 21 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन ताम्रध्वज साहू के भतीजे को हार का सामना करना पड़ा।
धमतरी में विधायक की पत्नी की हार
धमतरी से कांग्रेस विधायक ओंकार साहू की पत्नी, सुनीता साहू को आमदी नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए टिकट मिला था। हालांकि, उन्हें भाजपा की ज्योति साहू से हार का सामना करना पड़ा। यह हार विधायक की पत्नी के लिए एक बड़ा झटका था, खासकर तब जब उनके परिवार की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी थी।