कर्नल सोफिया कुरैशी के नेतृत्व में ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक में 9 टारगेट तबाह

पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के करीब 9 घंटे बाद भारत सरकार, सेना और एयरफोर्स के अफसरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन की जानकारी साझा की। बुधवार सुबह 10:30 बजे हुई मीडिया ब्रीफिंग में पहले ऑपरेशन का 2 मिनट का वीडियो दिखाया गया। इसमें बताया गया कि मंगलवार रात 1:04 से 1:11 बजे के बीच सिर्फ 7 मिनट में 9 टारगेट तबाह किए गए। पूरा ऑपरेशन कुल 25 मिनट चला।
भारत के इतिहास में यह पहला मौका रहा, जब सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन की जानकारी दी। उनके साथ विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी मौजूद थे।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने क्या कहा:
- पहलगाम में हुए आतंकी हमले को कायरतापूर्ण बताया। इसमें निर्दोष लोगों को उनके परिवार के सामने गोली मारी गई।
- TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) नाम के आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली, जो UN द्वारा प्रतिबंधित है और लश्कर से जुड़ा हुआ है।
- इस संगठन का इस्तेमाल पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों के लिए एक नकाब की तरह किया गया।
- जांच में पहलगाम हमले की प्लानिंग और हमलावरों के पाकिस्तान से संबंध उजागर हुए हैं।
- भारत ने सीमापार आतंकी हमलों को रोकने के लिए यह कार्रवाई की।
कर्नल सोफिया कुरैशी की जानकारी के अनुसार:
- ऑपरेशन मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात 1.05 से 1.30 बजे के बीच हुआ।
- पाकिस्तान और PoK में 9 टारगेट चुने गए, जहां लॉन्चपैड, ट्रेनिंग सेंटर्स और शेल्टर बने थे।
- टारगेट्स को विश्वसनीय इंटेलिजेंस के आधार पर चुना गया और सिविलियंस को कोई नुकसान न हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया।
टारगेट्स की जानकारी:
- सवाई नाला, मुजफ्फराबाद: लश्कर का ट्रेनिंग सेंटर
- सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद: हथियार व विस्फोटक की ट्रेनिंग
- गुरपुर, कोटली: लश्कर का कैंप
- सरजल कैंप, सियालकोट: पुलिस हत्याकांड से जुड़ा कैंप
- महमूना जाया कैंप, सियालकोट: हिजबुल का बड़ा कैंप, कठुआ हमले से जुड़ा
- मरकज तैयबा, मुरीदके: टेरर ट्रेनिंग सेंटर
- मरकज सुभानअल्लाह, भावलपुर: जैश का हेडक्वार्टर
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य:
सेना ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई आतंकियों के इंफ्रास्ट्रक्चर को खत्म करने और भविष्य के हमलों को रोकने के लिए की गई है। इसमें किसी भी नागरिक या रिहायशी क्षेत्र को नुकसान नहीं पहुंचाया गया। सभी टारगेट आतंकवाद से जुड़े केंद्र थे।
सेना द्वारा जारी वीडियो में साफ देखा गया कि सात मिनट की कार्रवाई में कैसे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह ऑपरेशन “सटीक और जिम्मेदाराना कार्रवाई” के रूप में पेश किया गया है।