रायपुर शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण ने न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि शहरवासियों की सेहत पर भी असर डाला है। खासतौर पर भाठागांव, जीई रोड, औद्योगिक क्षेत्र भनपुरी और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के आसपास के इलाकों में धूल और प्रदूषण की समस्या ज्यादा गंभीर हो गई थी। इन इलाकों में हर दिन धूल के गुबार के कारण लोग परेशान रहते थे और वायु गुणवत्ता भी बेहद खराब हो चुकी थी।
लेकिन अब नगर निगम ने इस समस्या के समाधान के लिए एक नई योजना बनाई है। नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने जल विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इन इलाकों में पानी का छिड़काव किया जाए ताकि धूल के गुबार को कम किया जा सके। इसके लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से उपचारित पानी का इस्तेमाल किया जाएगा, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाएगा।
इसके अलावा, प्रदूषण फैलाने वाली पुरानी गाड़ियों के खिलाफ भी कदम उठाए जा रहे हैं। निगम ने 15 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करवाने पर जोर दिया है, क्योंकि इन गाड़ियों से अधिक प्रदूषण फैलता है। इस पहल के तहत, लोगों को पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने के लिए जागरूक किया जाएगा।
विशेष रूप से सिलतरा बेल्ट में प्रदूषण की भयावह स्थिति को देखते हुए रायपुर नगर निगम ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के साथ मिलकर पानी की फुहार छोड़ने और धूल को दबाने के लिए संप्रिंकलर मशीनें लगाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, इलाके में हरियाली बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर पौधारोपण की योजना बनाई गई है।
गांधी सदन में आयोजित एक बैठक में इस योजना को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए, जिसमें यह भी तय हुआ कि शहर में खुले में कचरा जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम रायपुर को एक साफ, हवादार और स्वस्थ शहर बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है।