सावन सोमवार पर शिवमंदिरों में गूंजे जयकारे, भक्तों ने किया रुद्राभिषेक
छत्तीसगढ़ में सावन महीने के पहले सोमवार को शिवालयों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने बेलपत्र, जल, दूध और दही से भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक किया और विशेष पूजा-अर्चना की। रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा सहित कई जिलों के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलीं। राजधानी रायपुर के हटकेश्वर नाथ मंदिर में भगवान शिव का श्रृंगार गणेश स्वरूप में किया गया।
कबीरधाम जिले में प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर तक पदयात्रा निकाली गई। “हर-हर महादेव” और “बोल बम” के जयकारों से शहर गूंज उठा। इस पदयात्रा में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और क्षेत्रीय विधायक भी शामिल हुए और पंचमुखी बूढ़ा महादेव मंदिर में दर्शन कर पूजा की।
गरियाबंद जिले के प्रसिद्ध भूतेश्वरनाथ मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। यहां स्थित स्वयंभू शिवलिंग की ऊंचाई हर वर्ष बढ़ती जा रही है — वर्तमान में इसकी ऊंचाई 80 फीट और परिधि 210 फीट है। श्रद्धालु लंबी कतारों में खड़े होकर जल चढ़ा रहे हैं और मनोकामनाएं मांग रहे हैं। पूरा वातावरण “बोल बम” और “हर हर महादेव” के जयघोषों से भक्तिमय बना हुआ है।

राजिम में त्रिवेणी संगम पर स्थित बाबा कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर में सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। मान्यता है कि इस मंदिर में शिवलिंग का निर्माण माता सीता ने अपने हाथों से किया था।
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित ज्वालेश्वर महादेव मंदिर में भी भारी भीड़ उमड़ी। यहां श्रद्धालु अमरकंटक स्थित नर्मदा उद्गम से जल लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। कांवड़िए करीब 8 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर मंदिर पहुंचे और विधिवत पूजन किया। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई।


रायगढ़ जिले के महादेव मंदिर, गौरीशंकर मंदिर और कोमसनारा बाबा धाम में भी शिवभक्तों की सुबह से ही भारी भीड़ देखी गई। मंदिरों में “ॐ नमः शिवाय” के मंत्रों की गूंज रही और भक्तों ने बेलपत्र, दूध और जल से शिव अभिषेक किया।
मनेन्द्रगढ़ में स्थित प्राचीन सिद्ध बाबा धाम सहित अन्य शिवालयों में भी दूर-दराज़ से श्रद्धालु पहुंचे। भक्तों ने हसदेव नदी से जल भरकर मंदिरों में जलाभिषेक किया। महिलाएं पारंपरिक हरे वस्त्रों में और पुरुष भगवा कपड़ों में शिवभक्ति में लीन नजर आए। माना जाता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है।


कोरबा के SECL शिव मंदिर और साडा कॉलोनी के शिव मंदिरों में भी श्रद्धालु सुबह से पहुंचे। बच्चों ने भी आस्था के साथ भागीदारी निभाई — पलारी के सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में 12 बच्चों ने करीब 5 किलोमीटर की पदयात्रा कर कांवर यात्रा पूरी की और जलाभिषेक किया।


धमतरी जिले में रुद्रेश्वर महादेव मंदिर में भी विशेष कांवर यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में लगभग 40 गांवों के भक्त शामिल हुए। नागेश्वर मंदिर से जल लेकर कांवरिए बुद्धेश्वर महादेव मंदिर तक पहुंचे और श्रद्धापूर्वक जल अर्पित कर कांवर यात्रा सम्पन्न की।
