“किडनैपिंग नहीं, पुलिस कार्रवाई निकली! रायपुर में व्यापारी को उठाने वाले ओडिशा पुलिस के जवान निकले”

रायपुर में शुक्रवार रात एक व्यापारी की कथित किडनैपिंग की खबर से हड़कंप मच गया, लेकिन जांच में सामने आया कि यह अपहरण नहीं, बल्कि ओडिशा पुलिस की कार्रवाई थी। व्यापारी गोविंद अग्रवाल को ओडिशा पुलिस अपने साथ ले गई थी, मगर स्थानीय थाने को सूचना न देने से यह मामला अफवाह बन गया।

राजधानी रायपुर के पंडरी इलाके में शुक्रवार की रात अचानक अफरा-तफरी मच गई जब ओडिशा के व्यापारी गोविंद अग्रवाल को कुछ लोग जबरदस्ती गाड़ी में बैठाकर ले गए। ये घटना श्री शिवम शोरूम के बाहर हुई, जहां गोविंद अपने परिवार के साथ शॉपिंग के लिए आया था।

व्यापारी को इस तरह ले जाते देख परिवार वालों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया और किडनैपिंग की आशंका जताई। मामला गंभीर होते ही रायपुर पुलिस हरकत में आ गई। SSP समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंचे, CCTV फुटेज की जांच हुई और पूरे शहर में अलर्ट जारी कर नाकेबंदी कर दी गई।

कुछ घंटों बाद महासमुंद जिले की पटेवा पुलिस ने संदिग्ध गाड़ी को रोका और उसमें व्यापारी समेत कुछ अन्य लोगों को हिरासत में लिया। पूछताछ में सामने आया कि वे सभी ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले के पुलिसकर्मी थे, जो सिविल ड्रेस में थे और व्यापारी को ठगी व मारपीट के पुराने मामलों में पूछताछ के लिए ले जा रहे थे।

क्या थी चूक?
ओडिशा पुलिस ने कार्रवाई से पहले रायपुर की स्थानीय पुलिस को सूचित नहीं किया, जिससे भ्रम की स्थिति बन गई और परिवार तथा पुलिस को अपहरण की आशंका हुई।

क्या है व्यापारी पर आरोप?
सूत्रों के मुताबिक व्यापारी गोविंद अग्रवाल पर ठगी और मारपीट के आरोप हैं, जिन पर झारसुगुड़ा में मामला दर्ज है। ओडिशा पुलिस काफी समय से उसकी तलाश में थी और उसे ट्रेस कर रायपुर से पकड़ा गया।

परिवार ने बात करने से किया इनकार
मीडिया द्वारा संपर्क किए जाने पर व्यापारी के परिवार वालों ने इस मामले में कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया।