खबर बेखबर : शहर को सुपरफास्ट बनाने की जद्दोजहद…

*शहर को सुपरफास्ट बनाने की जद्दोजहद* 
गांव, गरीब, गौठान का सहारा बने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहरी सरकार की तरफ नज़रें इनायत की है। शहर के एक बड़े होटल में मुख्यमंत्री ने जन प्रतिनिधियो को न सिर्फ तन्मयता से सुना, बल्कि दिल खोलकर 1 हजार करोड़ की घोषणा भी की। चुनाव के चश्में से देखें, तो गांव से निश्चिंत कांग्रेस सरकार अब शहरी मतदाताओं को रिझाने के मूड में दिख रही है। आखिर गड्ढा भरना ज़रूरी है ताकि कांग्रेस की रेल सभी के मेल से चुनावी बैतरणी पार कर ले ।
 *बस्तरिया माटी में सियासी रंग* 
2. बस्तर में खून बिखरा तो सियासी अंगारे भी दहकने लगे है। पहले जांच एजेंसी पर भरोसे को लेकर कांग्रेस-बीजेपी में रार हुई, अब लाश पर राजनीति करने वालों को एक दूसरे कोस रहे हैं। राजनीति की कूटनीति अपनी जगह है पर नक्सलवाद की कालिख धोने सभी को एक साथ खड़ा होना होगा, तभी बस्तर की खूबसूरती पूरी दुनिया देख पाएगी। 
 *हेल्थ डिपार्टमेंट पर बेअसर पेन किलर* 
3. आयुर्वेद का नकली पेन किलर वाताहरी ने छत्तीसगढ़ में हेल्थ डिपार्टमेंट का दर्द बढ़ा दिया है। कभी आयुष, तो कभी हेल्थ अमला सप्लायर को शिकंजे में लेने ताने-बाने गढ़ती है, मगर अफसोस बड़ी मछली इनके जाल में अब तक नहीं फंस पा रही है। वैसे,पूरे सिस्टम को एक होकर ऐसे जल्लादों को सींखचों के पीछे ले जाने के लिए ठीक ढंग से कोशिश करनी चाहिए, नहीं तो ऐसी दवाओं का असर इन पर भी दूर नहीं।
 *बाबाओं की अजब-गजब महिमा* 
4. एक समय था, जब जन नेताओं को सुनने लाखों की भीड़ स्व-स्फूर्त पहुंचती थी, पर कलयुग में तो मानों मौज में सिर्फ़ बाबा ही है। पहले बागेश्वर धामी धीरेन्द्र महराज के बाद पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के कुबेरेश्वर धाम के महराज प्रदीप मिश्रा के रूद्राक्ष महोत्सव में लाखों लोगों की ऐसी भीड़ उमड़ी कि कोहराम मच गया। आस्था, विश्वास व अर्चना सब अपनी जगह, लेकिन ऐसे आयोजनों में यदि श्रद्धालु अकाल मृत्यु के ग्रास में पहुंच रहे है, तो सिस्टम पर सवाल उठना लाज़िमी है। सिद्ध महात्माओं को भी समझना होगा कि हर इंसान का जीवन अमूल्य है और उसके रक्षा के जतन सर्वोपरि है।
 *सेल्फी के फेर में पिटे क्रिकेटर* 
5. सेल्फी के फेर में घटना, दुर्घटना तो सुनते रहे है। इस बार क्रिकेटर ही पिट गए। कुछ ग्लेमर का गुरूर, कुछ अंगूरी पानी का सुरूर, ऐसे सर चढ़ के बाला कि सड़क पर लात घूंसे चलने लगे, पब्लिसिटी स्टंट की महिमा सच में न्यारी है ।
 सोचिएगा जरूर :–
* जल शक्ति मिशन में सर के ऊपर से पानी जा रहा है फिर भी बड़ी मछली तो छोड़िए छोटी मछली तक जाल में क्यों फस नही रही ?
* गांव–गांव में गोबर बेचकर जब लोग एक साथ 70–80 गाय खरीद रहे है तो अगले चुनाव के बाद इन गायों को चराएंगे कहा? हरे कागजों से गाय का पेट भरेगा या डींगे हाकने वालो का ?
*सरकार के पौनी–पसारी योजना में ऐसा क्या है सरपंच पंच पौनी–पसारी की राह जोड़ रहे है ?
* उस विभाग का नाम बताइए जहा सपने में ईडी मुर्गा बनाते दिखा और नींद खुली तो ईडी के अफसर सामने खड़े मिले ?