नया रायपुर बना रहा ‘मिनी-PMO’: DGP/IGP सम्मेलन से पहले सुरक्षा इंतजाम चरम पर, पीएम मोदी और अमित शाह के दौरे की तैयारियाँ तेज

नया रायपुर इस समय देश के सबसे सुरक्षित और हाई-प्रोटोकॉल ज़ोन में बदल चुका है। 28 से 30 नवंबर तक आयोजित होने वाले DGP/IGP सम्मेलन के लिए भारी-भरकम सुरक्षा और लॉजिस्टिक तैयारियाँ की जा रही हैं। इस राष्ट्रीय सुरक्षा-स्तरीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति तय मानी जा रही है, और इसी वजह से पूरा नया रायपुर आने वाले दिनों में एक प्रकार से ‘मिनी-PMO’ की तरह कार्य करेगा।

देशभर के शीर्ष पुलिस और खुफिया अधिकारी इस तीन दिवसीय सम्मेलन में शामिल होंगे, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा, आंतरिक चुनौतियाँ, आतंकवाद-नक्सलवाद की समीक्षा, साइबर सुरक्षा और आगामी रणनीतियों पर चर्चा होगी। लेकिन इस वर्ष विशेष ध्यान उस सुरक्षा घेरा और प्रोटोकॉल पर है, जो नया रायपुर को एक अस्थायी प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) जैसे केंद्रीकृत ऑपरेशन हब में परिवर्तित कर रहा है।

प्रधानमंत्री स्तर की सुरक्षा: पूरा नया रायपुर ‘No-Fly Zone’ की ओर

आधिकारिक स्रोतों के अनुसार, पीएम मोदी के दौरे के चलते नया रायपुर के कई हिस्सों को अस्थायी रूप से No-Fly Zone घोषित किया जा सकता है। इसमें ड्रोन, माइक्रो-लाइट, पैराग्लाइडिंग सहित सभी प्रकार के उड़ान उपकरणों पर रोक होगी।

साथ ही:

  • SPG और NSG की संयुक्त टीमें पहले ही रायपुर पहुँच चुकी हैं।

  • आसपास के सभी होटलों, सरकारी भवनों और प्रमुख मार्गों की व्यापक सुरक्षा जांच चल रही है।

  • सम्मेलन स्थल और प्रधानमंत्री के संभावित ठहराव स्थल दोनों की सुरक्षा कई परतों में बाँधी जा रही है।

सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि DGP/IGP सम्मेलन की उच्च संवेदनशीलता को देखते हुए नया रायपुर आने वाले सप्ताह में देश के सबसे अधिक निगरानी वाले इलाक़ों में शामिल होगा।

लॉजिस्टिक्स को PMO-जैसी संचालन प्रणाली में ढाला जा रहा है

नया रायपुर में इस आयोजन को सफल बनाने के लिए जिस तरह की लॉजिस्टिक तैयारियाँ चल रही हैं, वे इसे स्पष्ट रूप से ‘मिनी-PMO’ का स्वरूप देती हैं।

कुछ प्रमुख बिंदु:

  1. रियल-टाइम कमांड सेंटर सक्रिय
    निगरानी के लिए विशेष रियल-टाइम कमांड केंद्र स्थापित किया गया है जहाँ से सीसीटीवी, ड्रोन फीड, ट्रैफिक, वीवीआईपी मूवमेंट और इमरजेंसी रेस्पॉन्स की मॉनिटरिंग होगी।

  2. ट्रैफिक को पुनर्गठित करने की योजना
    पीएम और गृह मंत्री के आगमन के दौरान कई मार्ग बंद या डायवर्ट किए जा सकते हैं। नया रायपुर के प्रमुख सेक्टरों में बैरिकेडिंग और चेकपोस्ट बढ़ाए जा रहे हैं।

  3. होटल और आवास व्यवस्था का केंद्रीकरण
    देशभर से आए अधिकारियों के लिए उच्चस्तरीय होटलों, गेस्ट-हाउस और सरकारी परिसरों को आरक्षित किया गया है। सभी आवास स्थलों पर सुरक्षा जांच जारी है।

  4. प्रोटोकॉल टीमों की तैनाती
    SPG, IB, RAW, CISF, और राज्य पुलिस की संयुक्त टीमें समन्वय कर रही हैं, जो आमतौर पर केवल पीएमओ स्तर की मीटिंग्स में ही देखा जाता है।

सम्मेलन का एजेंडा: राष्ट्रीय सुरक्षा पर व्यापक विचार-विमर्श

DGP/IGP सम्मेलन हर वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच होता है, लेकिन इस बार इसका महत्व अधिक बढ़ गया है।

संभावित मुख्य एजेंडा:

  • नक्सल उन्मूलन पर प्रगति

  • आतंकवाद विरोधी रणनीतियाँ

  • सीमान्त राज्यों की सुरक्षा समीक्षा

  • साइबर सुरक्षा और डिजिटल खतरों का मूल्यांकन

  • ड्रग्स और संगठित अपराध पर संयुक्त कार्ययोजना

  • अंतर-राज्यीय समन्वय बढ़ाने पर चर्चा

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वयं कई दौर की ब्रीफिंग लेंगे, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्देश दिए जाएंगे।

आम जनता पर असर: नियंत्रित यातायात और सीमित पहुंच

नया रायपुर में बढ़ी सुरक्षा का प्रभाव आम नागरिकों पर भी दिखने लगा है। आगामी सप्ताह में:

  • कई मार्गों पर सुरक्षा बैरिकेडिंग बढ़ाई गई है।

  • सार्वजनिक परिवहन के मार्गों में बदलाव संभव है।

  • प्रमुख सरकारी दफ्तरों और सार्वजनिक सेवाओं में प्रवेश केवल अनुमति या पहचान-पत्र के आधार पर ही मिलेगा।

पुलिस ने नागरिकों से सहयोग और धैर्य की अपील की है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ये सभी कदम सुरक्षा मानकों का पालन करने और उच्च स्तरीय वीवीआईपी मूवमेंट को सुचारू रखने के लिए आवश्यक हैं।

व्यापारिक और प्रशासनिक प्रतिष्ठानों पर भी सतर्कता बढ़ी

नया रायपुर में मौजूद निजी कंपनियों, सरकारी निगमों और प्रशासनिक कार्यालयों को भी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।

  • प्रवेश द्वारों पर कड़ी जांच

  • वाहनों की स्निफर-डॉग जांच

  • आईडी-बेस्ड एंट्री सिस्टम

  • अस्थायी पार्किंग प्रतिबंध

कई प्रतिष्ठानों ने कर्मचारियों को कार्यालय आने से पहले समय-निर्धारित मार्गों का पालन करने की सलाह दी है।

रायपुर एयरपोर्ट पर भी उन्नत सुरक्षा

पीएम और गृह मंत्री के आगमन को देखते हुए एयरपोर्ट पर:

  • अतिरिक्त CISF कंपनियाँ तैनात की जा रही हैं।

  • वीवीआईपी हैंगर क्षेत्र को पूर्णतः सील किया जाएगा।

  • एयरपोर्ट रोड पर हाई-टेक सर्विलांस सक्रिय रहेगा।

अधिकारियों ने संकेत दिया है कि 27–30 नवंबर के बीच एयरपोर्ट पर कुछ समय के लिए आवागमन प्रभावित हो सकता है।

स्थानीय प्रशासन की चुनौती: सुरक्षा और सामान्य गतिविधियों के बीच संतुलन

इतने बड़े आयोजन में प्रशासन को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ता है—एक तरफ राष्ट्रीय सुरक्षा का सर्वोच्च स्तर बनाए रखना और दूसरी ओर नागरिकों की दिनचर्या प्रभावित न होने देना। नया रायपुर के अधिकारी इस दिशा में लगातार बैठकें कर रहे हैं।

  • अतिरिक्त पुलिस बल तैनात

  • कंट्रोल रूम में 24×7 निगरानी

  • स्वास्थ्य सेवाओं की विशेष टीमें तैयार

  • फायर और डिजास्टर मैनेजमेंट टीम अलर्ट

अधिकारियों का कहना है कि सभी विभागों के बीच समन्वय को PMO मीटिंग्स के मॉडल की तरह मजबूत और एकीकृत रखा गया है।

क्यों कहा जा रहा है ‘मिनी-PMO’?

इस बार नया रायपुर को ‘मिनी-PMO’ कहे जाने का कारण सिर्फ प्रधानमंत्री का आगमन नहीं है, बल्कि वह सम्पूर्ण प्रबंधन प्रणाली है जो:

  • SPG स्तर की सुरक्षा

  • केंद्रीय खुफिया एजेंसियों का संयुक्त कमांड

  • रियल-टाइम निगरानी

  • उच्चस्तरीय लॉजिस्टिक्स

  • वीवीआईपी मूवमेंट के लिए विशेष गलियारा

  • बहु-विभागीय समन्वय

इन सभी को देखते हुए नया रायपुर आने वाले सप्ताह में देश की सुरक्षा और प्रशासनिक गतिविधियों का एक अस्थायी केंद्र बन जाएगा।

निष्कर्ष

नया रायपुर में 28 से 30 नवंबर तक होने वाला DGP/IGP सम्मेलन सिर्फ एक औपचारिक बैठक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र का एक महत्वपूर्ण आयोजन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति इसे और भी संवेदनशील बनाती है। इसी वजह से पूरा क्षेत्र आने वाले दिनों में एक अस्थायी PMO-जैसे उच्च सुरक्षा वाले जोन में तब्दील हो रहा है।

सुरक्षा एजेंसियों, स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार की संयुक्त तैयारियाँ तेज़ी से जारी हैं। नया रायपुर अगले कुछ दिनों में देश के सबसे महत्वपूर्ण और हाई-अलर्ट ज़ोन्स में से एक होगा, जहाँ हर गतिविधि अत्यधिक सतर्कता के साथ संचालित की जाएगी।