जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब और उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाएँ, दर्जनों की मौत
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के बदर गांव में शनिवार सुबह पहाड़ी धसकने (लैंडस्लाइड) की बड़ी घटना हुई। मलबे से अब तक 7 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं, जबकि कई और लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। राहत व बचाव अभियान लगातार जारी है।

इसी दौरान, रामबन के राजगढ़ क्षेत्र में बादल फटने से 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति अब भी लापता है। उसकी तलाश में रेस्क्यू टीम लगी हुई है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के गोहर इलाके में शुक्रवार देर रात बादल फटने की घटना हुई। नांडी पंचायत के नसेंणी नाले में कई वाहन बह गए। वहीं, शिमला के जतोग कैंट क्षेत्र में भूस्खलन होने पर सेना की रिहायशी इमारतों को खाली कराना पड़ा।

पंजाब के अमृतसर, पठानकोट समेत 8 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। लगभग 250 गांवों में 5 से 15 फीट तक पानी भर गया है। अब तक 8 लोगों की जान जा चुकी है और 3 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर जिलों में भी शुक्रवार को बादल फटने की घटनाएं हुईं। हादसों में 5 लोगों की मौत हुई, जबकि 11 लोग लापता हैं। बागेश्वर के कपकोट क्षेत्र में कई घर क्षतिग्रस्त हुए।

उत्तर प्रदेश के 18 जिले फिलहाल बाढ़ की चपेट में हैं। राज्यभर में अब तक 774 मकान बारिश और बाढ़ में ढह चुके हैं। वाराणसी में सभी 84 घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका है।
जम्मू-कश्मीर के कटरा में लगातार बारिश के चलते वैष्णो देवी यात्रा पिछले 5 दिन से बाधित है। इससे पहले 26 अगस्त को भूस्खलन में यहां 34 लोगों की मौत हो चुकी थी।
इसी तरह, महाराष्ट्र के लातूर और नांदेड़ जिलों में बाढ़ से स्थिति गंभीर है। यहां 50 से ज्यादा सड़कें और पुल पानी में डूब गए हैं।
