नेत्रदान के लिए जागरूकता हेतु राष्ट्रीय नेत्रदान जनजागरण पखवाड़ा, 25 अगस्त से 08 सितम्बर तक…
25 अगस्त, 2022: राष्ट्रीय नेत्रदान जनजागरण पखवाड़ा, 25 अगस्त से आठ सितंबर 2022 तक 37वां नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस पखवाड़े का उद्देश्य लोगों को मृत्यु के बाद नेत्रदान के प्रति जागरूक करना है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारी मरणोपरांत नेत्रदान के साथ-साथ नेत्र रोग, कारण और अंधेपन के उपचार के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे। उन्होंने समाजसेवी संगठनों और आम लोगों से अपील की है कि हम नेत्रदान के संबंध में अपना शपथ पत्र अवश्य भरें। नेत्रदान करने के इच्छुक लोग नजदीकी सिविल अस्पताल में या ऑनलाइन फार्म भर सकते हैं। आंखें किसी भी उम्र में दान की जा सकती हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मीनाक्षी सिगला ने कहा कि हर साल हजारों लोग अंधेपन से पीड़ित होते हैं, लेकिन नेत्रदान करने वालों की संख्या बहुत कम है। एक नेत्रदान करने वाला व्यक्ति दो लोगों को प्रबुद्ध कर सकता है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की आंखें किसी भी उम्र में दान की जा सकती हैं, भले ही आंखों में लेंस, चश्मा लगा हो या फिर आंख का ऑपरेशन हुआ हो। किसी व्यक्ति की मृत्यु के छह से आठ घंटे के भीतर नेत्रदान किया जा सकता है। नेत्रदान की प्रक्रिया सिर्फ 10 से 15 मिनट में पूरी हो जाती है। नेत्र लेने वाली टीम के आने तक मृतक की आंखों के ऊपर एक गीला और साफ कपड़ा रखना चाहिए और आंखों की देखभाल के लिए सिर के नीचे एक तकिया तब तक रखना चाहिए, जब तक कि आई बैंक टीम न आ जाए। उन्होंने कहा कि एड्स, पीलिया, ब्रेन फीवर और ब्लड कैंसर के मरीजों की आंखें दान नहीं की जा सकतीं। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे अधिक से अधिक आंखें दान करें और लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए सहयोग करें।