सिंचाई और पीने के पानी का प्रबंधन जलसंसाधन विभाग की जिम्मेदारी : मंत्री रविन्द्र चौबे

रायपुर, 08 जुलाई 2022 : कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने आज नवा रायपुर, अटल नगर स्थित शिवनाथ भवन में जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय कार्यों की प्रगति की गहन समीक्षा की। मंत्री चौबे ने कहा कि राज्य में सिंचाई और पीने के लिए जल का प्रबंधन जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को सिंचाई परियोजनाओं की रूपांकित सिंचाई क्षमता के अनुरूप जलापूर्ति के लायक बनाने के साथ-साथ नवीन कार्यों को समय-सीमा में पूरा कराने को निर्देश दिए।

मंत्री चौबे ने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत शहरी इलाकों में विभाग की सिंचाई परियोजनाओं से जलापूर्ति की मांग बढ़ने लगी है। इसको ध्यान में रखते हुए क्रियाशील परियोजनाओं से जलापूर्ति की बेहतर व्यवस्था की प्लानिंग की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिंचाई अथवा पेयजल की आपूर्ति के दौरान जल का अपव्यय कम से कम हो, इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाने और उसे अमल में लाने की जरूरत है। बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., संयुक्त सचिव जे.पी. पाठक, प्रमुख अभियंता जल संसाधन इंद्रजीत उइके, सिंचाई परियोजना के मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं जल संसाधन संभागों के कार्यपालन  अभियंतागण उपस्थित थे।

मंत्री चौबे ने डेम और जलाशयों से नगरीय क्षेत्रों में पाईप लाईन के माध्यम से जलापूर्ति करने हेतु जल संसाधन विभाग और नगरीय निकाय को मिलकर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर- नल से जल पहुंचाने के लिए पेयजल सप्लाई सिस्टम को भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्लान करने की जरूरत है। नदियों में नाले के गंदे पानी को मिलने से रोकने के लिए भी उन्होंने अधिकारियों को  आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। मंत्री चौबे ने कहा कि नदियों को स्वच्छ और सुरक्षित रखने का कानून है। इसका  कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। मंत्री श्री चौबे ने बिलासपुर में अरपा नदी में निर्माणाधीन दोनों बॅराज के कार्य को तेजी से पूरा कराए जाने के भी निर्देश दिए।

बैठक में बीते दो सालों में खरीफ एवं रबी सीजन में सिंचाई परियोजनाओं से वास्तविक सिंचाई की स्थिति की भी गहन समीक्षा की गई। मंत्री श्री चौबे ने अधिकारियों को विभाग की सभी बड़ी, मध्यम और छोटी परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई  रकबे की रिपोर्टिंग पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बीते तीन सालों में राज्य में बड़ी संख्या में सिंचाई परियोजनाओं की क्षमता में वृद्धि, नहर लाईनिंग एवं जीर्णोंद्धार के कार्य कराए गए हैं। रूपांकित सिंचाई एवं वास्तविक सिंचाई के गेप को हरहाल में कम से कमतर किया जाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *