कांग्रेस के अधिवेशन में “स्कूटर वाले सरदार जी” पर मल्लिकार्जुन खड़गे की मुस्कान, छत्तीसगढ़ के नेताओं की दिखी अहम भूमिका

गुजरात में चल रहे कांग्रेस के 84वें राष्ट्रीय अधिवेशन में एक दिलचस्प वाकया देखने को मिला, जब रायपुर उत्तर से पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुस्कराते हुए “स्कूटर वाले सरदार जी” कहकर संबोधित किया। जुनेजा जब मंच के पास खड़े होकर नेताओं का अभिवादन कर रहे थे, तब खड़गे और राहुल गांधी आगे निकल गए, लेकिन अचानक खड़गे रुके, पीछे मुड़े और पहचानते हुए यह टिप्पणी की। इस पर वहां मौजूद कार्यकर्ता और नेता मुस्कुरा उठे। बता दें, राहुल गांधी भी पहले जुनेजा को इसी नाम से संबोधित कर चुके हैं।
84वें राष्ट्रीय अधिवेशन का अंतिम दिन: न्यायपथ थीम पर फोकस
अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट पर चल रहे इस अधिवेशन का आज अंतिम दिन है। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 9:30 बजे ध्वजारोहण से हुई और फिर AICC का प्लेनरी सेशन शुरू हुआ। अधिवेशन की थीम है – “न्यायपथ: संकल्प, समर्पण और संघर्ष”, जिसके इर्द-गिर्द पार्टी की आगामी राजनीतिक रणनीति तय की जा रही है।
प्रमुख नेता और 1700+ प्रतिनिधि हुए शामिल
इस अधिवेशन में मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत देशभर से 1700 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।
अधिवेशन में आज क्या हुआ?
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का मुख्य भाषण, जिसमें 2027 की दिशा और रणनीति की झलक दी गई।
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प्रस्तावों पर चर्चा, जिनमें बेरोजगारी, महंगाई, किसान संकट और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना प्रमुख रही।
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गुजरात फोकस में रहा – जल संकट, आदिवासी अधिकार और औद्योगिक नीति जैसे मुद्दे।
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‘न्यायपथ’ थीम पर विचार मंथन और भविष्य की रणनीति तय की गई।
क्या है “न्यायपथ”?
‘न्यायपथ’ कांग्रेस का नया पॉलिटिकल रोडमैप है, जो संविधान, लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की रक्षा के संकल्प के साथ मैदान में उतरने की तैयारी है। यह थीम आने वाले राज्यों के चुनाव और 2029 के लिए राष्ट्रीय रणनीति की नींव बनेगी।
संकल्प – BJP से सीधी टक्कर
कांग्रेस अब BJP की विचारधारा को वैचारिक और सियासी दोनों स्तरों पर चुनौती देगी। ‘संविधान बचाओ यात्रा’ जैसे आंदोलनों से जनता को जोड़ा जाएगा।
समर्पण – संगठन को जमीनी स्तर से खड़ा करना
ब्लॉक और बूथ लेवल पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने का लक्ष्य है। 1700+ प्रतिनिधियों को “मुद्दों की लड़ाई के सिपाही” की भूमिका सौंपी जाएगी।
संघर्ष – सिर्फ राहुल की नहीं, पूरे संगठन की लड़ाई
पार्टी अब राज्य स्तर के लीडर्स जैसे भूपेश बघेल, सचिन पायलट, रणदीप सुरजेवाला, विक्रांत भूरिया को जिम्मेदारियां दे रही है। साथ ही जिला अध्यक्षों को ज्यादा ताकत और जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
“संविधान बचाओ यात्रा” का ऐलान
कांग्रेस ने ऐलान किया है कि यह अधिवेशन “संविधान बचाओ यात्रा” की शुरुआत है, जो भाजपा की नीतियों के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी जनआंदोलन बनेगी।
छत्तीसगढ़ के नेताओं की बड़ी भूमिका
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ड्राफ्टिंग कमेटी में भूपेश बघेल को शामिल किया गया है, जो अधिवेशन के प्रस्तावों और एजेंडे को तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
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‘न्यायपथ’ की थीम को छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर आकार दिया गया है – गांव, गरीब, किसान, और संविधान केंद्र में हैं।
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CWC और AICC की मीटिंग्स में छत्तीसगढ़ से टीएस सिंहदेव, दीपक बैज, चरणदास महंत और मोहन मरकाम जैसे नेता सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।
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‘संविधान बचाओ यात्रा’ को छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में किस तरह उतारा जाए, इस पर राय भी इन नेताओं से ली जा रही है।
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2018 के अनुभव – भाजपा को सत्ता से बाहर करने और पंचायत स्तर की पकड़ बनाने की रणनीति को गुजरात में लागू करने की कोशिश की जाएगी।