साय-कैबिनेट की सभा में बड़े निर्णयों की उम्मीद: गाय को ‘राजमाता’ दर्जा, धान खरीदी और NHM कर्मचारियों की मांगें एजेंडा पर

रायपुर, 10 अक्टूबर 2025

छत्तीसगढ़ में आज महत्वपूर्ण मोड़ आ सकता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज सुबह 11:30 बजे नवा रायपुर के महानदी भवन में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक होगी, जिसमें कई संवेदनशील और प्रतीकात्मक प्रस्तावों पर चर्चा और निर्णय हो सकते हैं। विशेष रूप से, इस बैठक में निम्नलिखित विषयों पर विचार किया जाना तय है:

1. गाय को ‘राजमाता’ का दर्जा

मीडिया सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव सबसे अहम माना जा रहा है — गाय को छत्तीसगढ़ की राजमाता (राज्यमाता / राज्य माता) के रूप में संवैधानिक या विधिक दर्जा देना।

इस मांग की पृष्ठभूमि में बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री द्वारा आयोजित हनुमान कथा कार्यक्रम के दौरान यह आग्रह किया गया था। उसी अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने संकेत दिए कि सरकार इस विषय पर विचार कर रही है।

स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा है कि “गाय की पूजा सदियों से माता के रूप में की जाती रही है; यदि उसे राजमाता का दर्जा मिलेगा, तो यह खुशी की बात होगी।”

यह प्रस्ताव संवैधानिक और सामाजिक दोनों दृष्टिकोंण से जटिल है — इसे लागू करने के लिए विधि, धार्मिक स्वरूप, पशु संरक्षण कानून, भूमि-गोठान नीतियाँ आदि पहलुओं पर विवेचना करनी होगी।

2. धान खरीदी की तैयारियाँ और तिथि तय करना

कैबिनेट बैठक में कृषि क्षेत्र से जुड़े प्रस्तावों पर विशेष ध्यान दिया जाना है, विशेषकर धान खरीदी (Paddy Procurement) से संबंधित विषय।

सूत्रों का कहना है कि सरकार इस बार धान खरीदी की शुरुआत 15 नवंबर से करने पर विचार कर सकती है।
इसके अलावा किसानों को प्रति एकड़ धान बेचने की सीमा, मूल्य निर्धारण, उपार्जन केंद्रों का विस्तार तथा पारदर्शिता सुनिश्चित करने की गारंटी जैसे विषय भी एजेंडा में होंगे।

3. राज्योत्सव 2025 की तैयारियाँ

राज्य सरकार के लिए यह एक सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक अवसर है — राज्योत्सव 2025 की कायापलट एवं भव्य आयोजन की तैयारियाँ भी कैबिनेट स्तर पर समीक्षा की जाएँगी।

समारोह कार्यक्रम, बजट आवंटन, आयोजन स्थल वितरण, कला एवं सांस्कृतिक वृहद प्रदर्शनी, राज्य की प्रतिभाओं को मंच देना — ये सब विषय बैठक में वरीयता पा सकते हैं।

4. NHM कर्मचारियों की मांगें और स्वास्थ्य सेवा सुधार

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांगों को आज का दिन महत्वपूर्ण मोर्चा बना सकता है।

इन मांगों में शामिल हो सकते हैं – नियमितीकरण (स्थायीकरण), वेतन एवं भत्तों में सुधार, कार्य स्थिति बेहतर करना, सेवा शर्तों का पुनर्लेखन आदि। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की स्थिति, बजटीय आवंटन और मानव संसाधन की जरूरतों पर भी चर्चा हो सकती है।

5. अन्य एजेंडा — कानून-व्यवस्था, जनसुविधाएँ एवं त्योहारी तैयारी

त्योहारी मौसम को ध्यान में रखकर राज्य की कानून-व्यवस्था, प्रशासनिक सेवाएँ, आपदा प्रबंधन और जनसुविधाएँ (सड़क, बिजली, जल, स्वास्थ्य) भी बैठक में चर्चा में आ सकती हैं।

राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य: संकेत, चुनौतियाँ और संभावनाएँ

  • यदि गाय को ‘राजमाता’ का दर्जा दिया जाता है, तो यह एक प्रतीकात्मक निर्णय होगा, जो धार्मिक भावना, सांस्कृतिक पहचान और राजनीतिक संदेश दोनों को जोड़ने का काम करेगा।

  • इसके कानूनन असर को भी देखने की जरूरत है — किस स्तर पर (संवैधानिक, राज्य कानून, पशु संरक्षण अधिनियम आदि) यह दर्जा लागू होगा, और क्या इससे विवाद या प्रतिद्वंद्विता खड़ी होगी?

  • किसानों के लिए धान खरीदी तिथि को समय पर घोषित करना राहत देने वाला कदम हो सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि अंतःक्रियात्मक व्यवस्था (लॉजिस्टिक्स, भंडारण, पंजीकरण) समय रहते हो।

  • NHM कर्मचारियों की मांगों का समाधान स्वास्थ्य तंत्र की मजबूती और राज्य की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने का अवसर हो सकता है।

  • राज्योत्सव जैसे बड़े आयोजन में संस्कृति, पर्यटन और कला को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन बजट, समन्वय और आयोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करना चुनौती होगी।

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ की यह कैबिनेट बैठक न केवल प्रशासनिक और आर्थिक निर्णयों को मोड़ दे सकती है, बल्कि एक प्रतीकात्मक संदेश भी दे सकती है — गाय को राजमाता का दर्जा, किसानों की अपेक्षाएँ, स्वास्थ्य कर्मियों की मांगें — ये सब इस बैठक की दिशा तय कर सकते हैं।

इस बैठक की प्रतिक्रियाएं, अधिसूचनाएँ और निर्णय सार्वजनिक होने के बाद ही यह तय होगा कि यह कदम कितना सफल और दूरगामी साबित होगा।

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