“मां” सिर्फ फिल्म नहीं, एक अलौकिक भावना है: काजोल को ध्यान में रखकर लिखी गई स्क्रिप्ट

मुंबई। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म “मां” ने दर्शकों के दिलों को छू लिया है। यह एक पौराणिक हॉरर कहानी है, जिसमें एक मां अपनी बच्ची को बचाने के लिए अलौकिक शक्तियों से भी टकरा जाती है। फिल्म में काजोल मुख्य भूमिका में हैं, और इसे विशाल फुरिया ने निर्देशित किया है।
फिल्म का निर्माण अजय देवगन, ज्योति देशपांडे और जियो स्टूडियोज ने मिलकर किया है। सहायक भूमिकाओं में रोनित रॉय, इंद्रनील सेनगुप्ता और अन्य कलाकार नज़र आए हैं। स्क्रिप्ट अजीत जगताप, आमील कियान खान और साईविन क्वाड्रास ने लिखी है।
💡 कैसे आया ‘मां’ का विचार?
स्क्रीनराइटर साईविन क्वाड्रास ने बताया कि फिल्म ‘मैदान’ के दौरान उनकी अजय देवगन से अक्सर मुलाकात होती थी। उसी दौरान अजय ने काजोल के लिए एक हॉरर स्क्रिप्ट लिखने का सुझाव दिया। उस वक्त उनके पास कोई ठोस विचार नहीं था, लेकिन जुहू से लोखंडवाला जाते समय एक आइडिया कौंधा।
उन्होंने कहा, “मुंबई में दुर्गा पूजा के दौरान काजोल मैम हर पंडाल में जाती हैं। उनकी मां दुर्गा के प्रति गहरी श्रद्धा है। दुर्गा ममता की प्रतीक हैं, लेकिन ज़रूरत पड़ने पर मां काली भी बन जाती हैं। मेरे दिमाग में यही घूम रहा था कि एक मां दुर्गा से काली कैसे बनती है।”
👧 बच्चियों पर अत्याचार से निकली हॉरर कहानी
साईविन ने बताया, “आज बच्चियों पर हो रहे अत्याचारों ने मुझे भीतर से झकझोर दिया। यहीं से यह ख्याल आया कि क्या कोई मां इतनी मजबूर हो सकती है कि उसे अपने ही अंदर की शक्ति को जगाना पड़े? यही सोचकर मैंने एक मां की कहानी लिखनी शुरू की, जो अपनी बच्ची को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाती है।”
यह आइडिया अजय को सुनाया गया, जिन्हें यह बेहद पसंद आया। उन्होंने काजोल को भी यह कहानी सुनाने को कहा और काजोल ने तुरंत स्क्रिप्ट लिखवाने की हामी भर दी।
🖋️ स्क्रिप्ट तैयार करने में लगे तीन महीने
काजोल अमेरिका रवाना होने से पहले एक महीना स्क्रिप्ट के लिए दिया था, लेकिन कहानी स्पष्ट होने के कारण लेखक ने जल्दी ही पहला हाफ पूरा कर लिया। अगस्त 2023 में विचार पर काम शुरू हुआ और नवंबर 2023 तक पूरी स्क्रिप्ट तैयार हो गई।
इसके बाद विशाल फुरिया निर्देशक के रूप में जुड़े और 19 फरवरी 2024 को फिल्म की शूटिंग शुरू हुई।
🎬 45-50 दिनों में पूरी हुई शूटिंग, क्लाइमैक्स में शामिल हुए अजय देवगन
फिल्म की शूटिंग मुंबई, कोलकाता और बोलपुर (पश्चिम बंगाल) में हुई। मुंबई में 25 दिन और बाकी हिस्सों में 20 दिन में शूटिंग पूरी की गई। क्लाइमैक्स की शूटिंग में अजय देवगन भी शामिल हुए, जिसमें 10 दिन का समय लगा।
👩👧👦 फिल्म का गहराई भरा संदेश
कहानी न केवल डराती है, बल्कि एक भावनात्मक सामाजिक संदेश भी देती है। लेखक कहते हैं:
“मां से बड़ा कोई भगवान नहीं होता।
और दूसरा संदेश है – कभी मां को गुस्सा मत दिलाओ।”
फिल्म में एक मां का ऐसा रूप दिखाया गया है, जो अपनी बच्ची को बचाने के लिए दुर्गा से काली बन जाती है।
🧠 अब कलाम साहब पर बायोपिक लिख रहे साईविन
साईविन क्वाड्रास अब डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की बायोपिक पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह कलाम साहब की किताबें पढ़ रहे हैं और उनके करीबी लोगों से मुलाकात कर जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। इस फिल्म की घोषणा हाल ही में कांस फिल्म फेस्टिवल में हुई है और इसका निर्देशन ‘तान्हाजी’ फेम ओम राउत करेंगे।