10 लाख की जमीन 70 लाख… 5–9 गुना बढ़ी कीमत: किसान परेशान, व्यापारी नाराज; रजिस्ट्री बायकॉट की चेतावनी, जानिए आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा

रायपुर।

छत्तीसगढ़ में नई सर्किल रेट (मार्गदर्शक दर) लागू होने के बाद जमीन की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है। कई स्थानों पर जहां पहले 10 लाख रुपये मूल्य वाली भूमि थी, वह अब 50 से 70 लाख रुपये तक पहुंच गई है। कीमतों में 5 से 9 गुना तक की बढ़ोतरी ने किसानों, छोटे व्यापारियों और भू-खरीददारों की चिंता बढ़ा दी है।

नई दरों को लेकर व्यापारी संगठनों ने रजिस्ट्री बायकॉट की चेतावनी दी है, जबकि किसान संगठनों ने इसे “अव्यावहारिक बढ़ोतरी” करार दिया है।

कैसे बढ़ीं जमीन की कीमतें?

राजस्व विभाग द्वारा किए गए संशोधन के बाद कई क्षेत्रों में सर्किल रेट में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।
मुख्य कारणों में शामिल हैं:

  • शहरी विस्तार और प्राइम लोकेशनों की मांग

  • रियल एस्टेट गतिविधियों में तेजी

  • राजस्व बढ़ाने की सरकारी रणनीति

  • पिछले कई वर्षों से दरों में संशोधन न होना

इस बढ़ोतरी से सीधे रजिस्ट्री मूल्य, स्टाम्प शुल्क और अन्य फीस बढ़ गई है।

किसानों पर क्या असर?

किसानों का कहना है कि:

  • जमीन महंगी हो गई तो खरीदार कम होंगे

  • कृषि भूमि बेचने पर टैक्स और शुल्क बढ़ेंगे

  • पारिवारिक बंटवारे, नामांतरण और छोटे लेनदेन पर भी अतिरिक्त खर्च पड़ेगा

कई किसान इसे “अनुचित वित्तीय बोझ” बता रहे हैं।

व्यापारी और प्रॉपर्टी डीलरों का विरोध

प्रॉपर्टी बाजार से जुड़े संगठनों ने कहा है कि नई दरों के कारण:

  • प्लॉट, मकान और दुकान बेचना मुश्किल होगा

  • छोटे निवेशकों की मांग घटेगी

  • नकदी प्रवाह कम होने से रियल एस्टेट कारोबार प्रभावित होगा

व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने दरें कम नहीं कीं तो वे रजिस्ट्री प्रक्रिया का बहिष्कार करेंगे।

आम लोगों पर क्या असर होगा?

नई दरों का प्रभाव सीधे आम जनता की जेब पर पड़ेगा।

1. मकान खरीदना महंगा होगा

रजिस्ट्री मूल्य अधिक होने से कुल खरीद लागत बढ़ेगी।

2. होम लोन बढ़ेगा

बैंकों के लिए उच्च मूल्यांकन होने पर ऋण राशि अधिक होगी, जिससे EMI भी बढ़ सकती है।

3. रजिस्ट्री शुल्क और टैक्स में बढ़ोतरी

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क बढ़ेगा, चाहे जमीन खरीदी जाए या विरासत/गिफ्ट डीड हो।

4. किराये पर अप्रत्यक्ष असर

यदि प्रॉपर्टी महंगी होती है तो भविष्य में किराया भी बढ़ सकता है।

सरकार का पक्ष

अधिकारियों ने कहा:

  • नई दरें वास्तविक बाजार भाव पर आधारित हैं

  • राजस्व पारदर्शिता और फर्जी लेनदेन रोकने के लिए मूल्य संशोधन आवश्यक था

  • विरोध करने वालों से चर्चा की जाएगी, लेकिन दरें “तार्किक” हैं

क्या आगे कीमतें और बढ़ेंगी?

रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल बाजार स्थिर रहेगा, लेकिन लंबे समय में

  • मुख्य सड़कों,

  • औद्योगिक क्षेत्रों,

  • और नए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स
    के आसपास कीमतें और बढ़ सकती हैं।

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