ISRO का दूसरा मंगल मिशन अंतिम चरण में: अगले कुछ हफ्तों में आधिकारिक घोषणा की संभावना
भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम एक और बड़ी उपलब्धि की ओर बढ़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का नया मंगल मिशन (Mars Mission 2) अपनी तैयारियों के अंतिम चरण में पहुंच गया है।
एजेंसी के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के अनुसार, मिशन से संबंधित औपचारिक घोषणा अगले कुछ हफ्तों में की जा सकती है।
मंगलयान-2 की संभावित रूपरेखा
ISRO इस मिशन को वैज्ञानिक डेटा संग्रह और ग्रह की सतह के सूक्ष्म अध्ययन के लिए डिज़ाइन कर रहा है।
संभावना है कि नया मिशन निम्नलिखित क्षेत्रों पर केंद्रित होगा:
– मंगल के वातावरण (Atmosphere) का विस्तृत विश्लेषण
– सतह पर खनिजों और बर्फ की संरचना का अध्ययन
– सौर हवाओं और चुंबकीय गतिविधियों के प्रभाव
– उच्च-रिजॉल्यूशन मैपिंग और फोटोग्राफी
तकनीकी तैयारियाँ लगभग पूर्ण
सूत्रों के अनुसार,
– पेलोड इंटीग्रेशन
– कक्षीय परीक्षण
– संचार प्रणाली
– और लॉन्च सीक्वेंसिंग
जैसे महत्वपूर्ण चरण लगभग पूरे हो चुके हैं।
मिशन के ऑर्बिटर में उन्नत कैमरे, सेंसर और एनालिटिकल टूल लगाए गए हैं, जो मंगल के अध्ययन को पहले से अधिक विस्तृत और वैज्ञानिक बनाएंगे।
लॉन्च विंडो का चयन अंतिम स्टेज में
मंगल मिशनों के लिए पृथ्वी और मंगल की स्थिति के आधार पर एक विशेष लॉन्च विंडो तय की जाती है।
ISRO की टीम वैज्ञानिक गणनाओं के आधार पर उपयुक्त समय का मूल्यांकन कर रही है। निर्णय होने के बाद लॉन्च डेट भी घोषित की जाएगी।
भारत की अंतरिक्ष क्षमता को नई दिशा
पहला मंगल मिशन (Mangalyaan-1) बेहद सफल रहा था और उसने भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल किया, जिन्होंने पहले प्रयास में ही मंगल ग्रह तक पहुंच हासिल की।
नया मिशन भारत की गहन अंतरिक्ष खोज (Deep Space Exploration) में क्षमताओं को और मजबूत करेगा।
वैज्ञानिक समुदाय में उत्साह
देश-विदेश के वैज्ञानिक और शोधकर्ता इस मिशन को लेकर उत्साहित हैं। उनका मानना है कि नया मंगल मिशन
– ग्रह विज्ञान
– जलवायु अध्ययन
– और भविष्य के मानव मिशनों
के लिए महत्वपूर्ण डेटा उपलब्ध कराएगा।
