छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड की 5000 करोड़ की संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक, अवैध कब्जों पर होगी कार्रवाई

छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड के अधीन 5000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों के बारे में अब पूरी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि सभी वक्फ संपत्तियों की जानकारी डिजिटल रिकॉर्ड में अपडेट की जाएगी, और जो लोग इन संपत्तियों को छिपाने या अवैध कब्जा करने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
संपत्ति की जानकारी मांगी गई
वक्फ बोर्ड ने सभी जिलों के मुतवल्लियों (वक्फ संपत्ति के प्रबंधक) से मस्जिदों, मदरसों, दरगाहों, कब्रिस्तानों, दुकानों, कृषि भूमि, स्कूलों, और प्लॉट्स जैसी संपत्तियों की जानकारी भेजने के निर्देश दिए हैं। इन दस्तावेजों को 12 फरवरी 2024 तक भेजने को कहा गया है। यह जानकारी एक केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड की जाएगी, और इस काम में IIT दिल्ली की मदद ली जाएगी।
संपत्ति की सुरक्षा और उपयोग
वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए इनकी पूरी जानकारी केंद्रीय पोर्टल पर अपडेट की जाएगी। डॉ. सलीम राज ने बताया कि वक्फ बोर्ड के पास छत्तीसगढ़ में लगभग 5000 करोड़ रुपये की संपत्ति है, लेकिन इनमें से 90 फीसदी संपत्तियों पर अवैध कब्जा है। सरकार इन कब्जों को हटाने और संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है।
कब्जा और वक्फ बोर्ड की आय में नुकसान
पूर्व वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सलाम रिजवी ने बताया कि वक्फ संपत्तियों पर कब्जा होने के कारण बोर्ड की आय में भारी नुकसान हो रहा है। कुछ महीने पहले तक वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे सलाम रिजवी ने यह भी कहा कि वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग करने के लिए अवैध कब्जों से इसे मुक्त कराना जरूरी है।
प्रदेशभर में 2006 संपत्तियां
राज्य के विभिन्न जिलों में वक्फ बोर्ड के पास कुल 2006 संपत्तियां हैं। इनमें से 3500 करोड़ रुपये की संपत्ति शहरी क्षेत्रों में और 1500 करोड़ रुपये की संपत्ति ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित है। प्रमुख शहरों में रायपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, बिलासपुर, जगदलपुर, मुंगेली, धमतरी और दुर्ग जैसे जिले शामिल हैं, जहां वक्फ संपत्तियां स्थित हैं।
यह कदम वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अवैध कब्जों से मुक्ति दिलाने के लिए उठाया गया है, ताकि इन संपत्तियों का सही और प्रभावी उपयोग किया जा सके।