रायपुर: नवजात के सीने पर लगा ‘मां एचआईवी पॉजिटिव’ का टैग, अस्पताल की लापरवाही पर हाईकोर्ट सख्त

रायपुर (छत्तीसगढ़):

राजधानी रायपुर के डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने स्वास्थ्य व्यवस्था और मरीजों की गोपनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जानकारी के अनुसार, तिल्दा क्षेत्र की एक महिला ने अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के बाद जब नवजात को नर्सरी वार्ड में रखा गया, तो उसके पास एक बोर्ड चिपका दिया गया जिस पर लिखा था —
“इसकी मां एचआईवी पॉजिटिव है।”

परिवार ने जब यह देखा तो हैरानी और आक्रोश दोनों जाहिर किए। उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने न केवल संवेदनशील जानकारी उजागर की, बल्कि मां और बच्चे की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई।

⚖️ हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

मामला सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इसे गंभीर माना और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
अदालत ने कहा कि किसी मरीज की स्वास्थ्य स्थिति — खासकर एचआईवी जैसी संवेदनशील जानकारी — को सार्वजनिक करना अमानवीय और गैरकानूनी है।
मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया है कि वे यह स्पष्ट करें कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

📋 कानूनी और सामाजिक पहलू

भारत के कानून के तहत किसी भी मरीज की मेडिकल जानकारी को गोपनीय रखना अनिवार्य है।
मरीज की अनुमति के बिना उसकी पहचान या बीमारी सार्वजनिक करना मानवाधिकारों का उल्लंघन माना जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना से न केवल परिवार की सामाजिक स्थिति पर असर पड़ सकता है, बल्कि यह समाज में एचआईवी-पीड़ितों के प्रति भेदभाव को और बढ़ावा देता है।


🏥 अस्पताल प्रबंधन पर उठे सवाल

सामाजिक संगठनों ने घटना की निंदा करते हुए अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की है।
उनका कहना है कि स्टाफ को मरीजों की गोपनीयता, संवेदनशीलता और मानवाधिकारों के प्रति जागरूक किया जाना जरूरी है।


💬 आगे क्या?

हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने भी आंतरिक जांच शुरू करने की बात कही है।