पहलगाम हमले के बदले भारत की कार्रवाई, ऑपरेशन सिंदूर में जैश और लश्कर के 9 ठिकाने तबाह

पहलगाम हमले के 11वें दिन 3 मई को दिल्ली में एक मीटिंग हुई। साउथ ब्लॉक में हुई इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, एयरफोर्स चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह और नेवी चीफ एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी शामिल हुए। मीटिंग में तय हुआ कि पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर एक बार फिर एयरस्ट्राइक की जाएगी।
इसी दिन प्लानिंग में शामिल अफसर साउथ ब्लॉक में शिफ्ट हो गए। 5 मई को हमले का प्लान PM मोदी को दिखाया गया। इसके साथ पहलगाम हमले के बदले के लिए ऑपरेशन सिंदूर को मंजूरी मिल गई। आखिरकार इंडियन एयरफोर्स ने 6-7 मई की आधी रात 1:05 बजे पाकिस्तान और PoK में एयर स्ट्राइक की। सिर्फ 25 मिनट चले ऑपरेशन में 7 शहरों में 9 आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए।
29 अप्रैल को पहली बड़ी मीटिंग: 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के मधुबनी में थे। पहलगाम हमले पर उन्होंने कहा, ‘मैं स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि इन आतंकियों को और इस हमले की साजिश करने वालों को उनकी कल्पना से बड़ी सजा मिलेगी, सजा मिलकर रहेगी। अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है।’
सूत्रों के अनुसार, ये इशारा था कि कुछ बड़ा होने वाला है। 29 अप्रैल को पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजीत डोभाल, CDS जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ मीटिंग की।
इसी तरह की एक और मीटिंग 3 मई को हुई। इसमें तय हुआ कि पाकिस्तान में चल रहे टेरर कैंप खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है। इसके बाद तीनों सेनाओं के चुनिंदा अफसरों की टीम बनाई गई। इन्हें साउथ ब्लॉक में क्वारंटीन किया गया। किसी को बाहर जाने, किसी से संपर्क करने या पर्सनल फोन इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी गई। 5 मई को NSA अजीत डोभाल ने ऑपरेशन का प्लान पीएम को सौंपा।
6-7 मई की रात, जब पाकिस्तान में 100 किमी घुसकर हमला हुआ: ऑपरेशन सिंदूर के लिए 6-7 मई की रात को चुना गया। सेना ने रात 1:51 बजे सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा- इंसाफ हो गया। ऑपरेशन सिंदूर की फोटो भी साझा की।
ऑपरेशन पूरा होने से ठीक पहले सेना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया जिसमें टैंकों से फायरिंग, लड़ाकू विमानों से मिसाइल लॉन्च और सैनिकों की तैयारी दिखाई गई। संस्कृत में लिखा गया- ‘प्रहाराय सन्निहिताः, जयाय प्रशिक्षिता’।
7 मई को सेना ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि ऑपरेशन रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच हुआ। पाकिस्तान और PoK में 9 टारगेट की पहचान की गई थी। आतंकियों के लॉन्च पैड और ट्रेनिंग सेंटर्स को निशाना बनाया गया।
इंडियन एयरफोर्स ने 100 किमी दूर तक 24 मिसाइलों से 9 ठिकानों को तबाह किया। इनमें कुछ मस्जिदें भी शामिल थीं, जिन्हें आतंकी बेस के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था। हमले में आर्मी और नेवी ने भी समर्थन दिया। ऑपरेशन में मिसाइल और ड्रोन का उपयोग किया गया।
PM मोदी पूरी रात ऑपरेशन की निगरानी करते रहे। NSA डोभाल ने तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बनाए रखा। उन्हें आतंकी शिविरों की पहचान की जिम्मेदारी दी गई थी।
RAW ने 21 टारगेट की लिस्ट दी, 9 पर अटैक हुआ: सेना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि हमले के लिए RAW और NTRO ने 21 आतंकी ठिकानों की जानकारी दी थी। इनमें से 9 सबसे अहम टारगेट चुने गए।
NSA अजीत डोभाल ने तीनों सेनाओं के चुनिंदा अफसरों की टीम बनाई और ब्रीफ किया कि ऑपरेशन का उद्देश्य जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा की टॉप लीडरशिप को निशाना बनाना है।
9 टारगेट में 4 पाकिस्तान में और 5 PoK में थे। इनमें बहावलपुर में जैश का हेडक्वार्टर, कोटली में ट्रेनिंग कैंप, मुजफ्फराबाद में लश्कर का ठिकाना, मुरीदके में लश्कर का हेडक्वार्टर और बाग में हिजबुल का अड्डा शामिल है।
सेना ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन में पाकिस्तानी सेना को निशाना नहीं बनाया गया। मकसद सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश देना था कि भारत अब आतंकवाद पर सिर्फ बयान नहीं देगा, कार्रवाई करेगा।
7 मई की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिसरी का बयान: विक्रम मिसरी ने कहा कि पहलगाम हमले से देश में गुस्सा था। 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों को सजा देना जरूरी था। पाकिस्तान ने सिर्फ इनकार और आरोप लगाए।
पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों से और हमलों की सूचना मिली थी। इन्हें रोकना जरूरी था। हमने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया। यह कार्रवाई नपी-तुली और जिम्मेदारी वाली थी। फोकस आतंकवाद के ढांचे को खत्म करने पर था।
उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को लश्कर से जुड़े पाकिस्तानी आतंकियों ने पहलगाम में भारतीय टूरिस्ट पर हमला किया। 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए। यह 26/11 के बाद आम नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला था।
हमलावरों ने लोगों को परिवार के सामने मारा और कहा कि इस हमले का संदेश फैलाओ। मकसद जम्मू-कश्मीर के हालात को बिगाड़ना था। पिछले साल 2.25 करोड़ टूरिस्ट कश्मीर आए थे। आतंकियों का लक्ष्य इस तरक्की को नुकसान पहुंचाना था।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने दी ये जानकारी: उन्होंने बताया कि मुजफ्फराबाद के सवाई नाला में लश्कर का ट्रेनिंग सेंटर था। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम के हमलावरों ने यहीं ट्रेनिंग ली थी। सैयदना बिलाल कैंप में हथियार और जंगल सर्वाइवल ट्रेनिंग दी जाती थी।
कोटली का गुरपुर कैंप लश्कर का है। पुंछ में 2023 में श्रद्धालुओं पर हमला करने वाले आतंकियों ने यहीं ट्रेनिंग ली थी। भिम्बर का बरनाला कैंप हथियारों की ट्रेनिंग के लिए था। कोटली का अब्बास कैंप LOC से 13 किमी दूर है, जहां आत्मघाती हमलावर तैयार किए जाते थे। भारत को इस हमले में कोई नुकसान नहीं हुआ।
2019 के बाद सबसे बड़ी स्ट्राइक: इंडियन एयरफोर्स ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और PoK में आतंकियों के 9 ठिकानों पर हमला किया। इस कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। यह हमला पहलगाम हमले के जवाब में हुआ जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
सरकार ने कहा कि इस हमले के लिए पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहे आतंकी संगठन जिम्मेदार थे और पक्के सबूत थे। इनमें तकनीकी जानकारी, बचे लोगों की गवाही और अन्य सबूत शामिल हैं।
जैश चीफ मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गए: एयर स्ट्राइक में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। इनमें लश्कर का हाफिज अब्दुल मलिक भी था। वह मरकज तैयबा, मुरीदके पर हमले में मारा गया।