भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला ने भरी अंतरिक्ष की उड़ान – एक्सियम मिशन 4 से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की ओर कदम

भारतीय वायुसेना के पायलट और गगनयान मिशन के चयनित अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने आज, 25 जून 2025 को दोपहर 12:01 बजे, अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के माध्यम से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की ऐतिहासिक यात्रा शुरू की। यह मिशन एक्सियम स्पेस और नासा के सहयोग से संचालित Ax-4 मिशन के तहत किया जा रहा है।

ड्रैगन कैप्सूल में सवार शुभांशु के साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी इस मिशन में सम्मिलित हैं। सभी आवश्यक सुरक्षा जांच और संचार परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए हैं। स्पेसक्राफ्ट 26 जून को शाम 4:30 बजे (IST) ISS से जुड़ेगा।

🌍 भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट रहे हैं और वर्तमान में भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। इस मिशन में वे कुल 14 दिन अंतरिक्ष में बिताएंगे और 12 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें से 7 भारतीय शिक्षण संस्थानों द्वारा डिज़ाइन किए गए हैं।

🎯 Ax-4 मिशन के उद्देश्य:

  • वैज्ञानिक अनुसंधान: माइक्रोग्रेविटी में जैविक और तकनीकी प्रयोग

  • नई तकनीकों का परीक्षण: भविष्य के स्पेस मिशनों के लिए आधार

  • वैश्विक सहयोग: अंतरराष्ट्रीय क्रू के साथ संयुक्त शोध

  • शैक्षणिक संवाद: पृथ्वी पर युवाओं को प्रेरित करने के लिए लाइव संवाद और कंटेंट

🇮🇳 भारतीय संस्कृति की झलक अंतरिक्ष में

शुभांशु ने अपने साथ आम का रस, गाजर का हलवा और मूंग दाल का हलवा अंतरिक्ष में ले जाने की घोषणा की है, जिसे वे अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ साझा करेंगे।

💸 मिशन लागत और राष्ट्रीय योगदान

भारत सरकार ने इस मिशन में शुभांशु और उनके बैकअप पायलट प्रशांत नायर की अंतरिक्ष प्रशिक्षण, उपकरण और मिशन साझेदारी पर करीब ₹548 करोड़ खर्च किए हैं। यह अनुभव भारत के स्वदेशी मानव मिशन गगनयान-2027 को मजबूत आधार देगा।

🛰️ ISS: अंतरिक्ष का प्रयोगशाला केंद्र

ISS एक बहुराष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रयोगशाला है जो पृथ्वी की परिक्रमा कर रही है और वैज्ञानिक अनुसंधान का एक प्रमुख केंद्र है। इसे अमेरिका, रूस, यूरोप, जापान और कनाडा की स्पेस एजेंसियों ने मिलकर बनाया है।