SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत का सख्त रुख, जॉइंट स्टेटमेंट पर साइन करने से इनकार

नई दिल्ली / किंगदाओ, 26 जून 2025: चीन के किंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत ने स्पष्ट और दृढ़ रुख अपनाते हुए साझा बयान (Joint Statement) पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। भारत की ओर से इस उच्चस्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने भाग लिया।

भारत ने यह निर्णय उस वक्त लिया जब जॉइंट स्टेटमेंट में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले का कोई उल्लेख नहीं किया गया, जबकि इसमें बलूचिस्तान की एक घटना को शामिल किया गया था। भारत ने इस भेदभाव पर कड़ी आपत्ति जताई और दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए।

राजनाथ सिंह का संबोधन: भारत का स्पष्ट संदेश

बैठक में दिए गए अपने भाषण में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा पर भारत की नीति को चार अहम बिंदुओं में स्पष्ट किया:

1. आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती

राजनाथ सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी बाधा उग्रवाद, कट्टरपंथ और आतंकवाद हैं। उन्होंने सदस्य देशों से आग्रह किया कि इन खतरों से निपटने के लिए एकजुट होकर निर्णायक कार्रवाई की जाए।

2. आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति को रेखांकित करते हुए रक्षा मंत्री ने बताया कि भारत ने 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम देकर सीमा पार से आए आतंकवादियों पर कार्रवाई की थी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत आतंकवाद के केंद्रों को अब सुरक्षित नहीं मानता और इन पर हमला करने में संकोच नहीं करेगा।

3. संवाद ही संघर्षों का समाधान

भारत ने कहा कि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए संवाद ही एकमात्र मार्ग है। किसी भी देश, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, को अकेले चलने की बजाय साझा प्रयासों पर विश्वास करना होगा।

4. वैश्विक चुनौतियों से निपटने में एकजुटता जरूरी

राजनाथ सिंह ने महामारी और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी चुनौतियों का सामना सभी देशों को मिलकर करना होगा। उन्होंने भारतीय संस्कृति के मूल सिद्धांत “सर्वे भवन्तु सुखिनः” का हवाला देते हुए समावेशी वैश्विक सहयोग का आह्वान किया।

पाकिस्तान से नहीं की कोई मुलाकात

बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी मौजूद थे, लेकिन भारतीय रक्षा मंत्री ने उनके साथ कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं की।


SCO के बारे में संक्षिप्त जानकारी:

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 2001 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान द्वारा की गई थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके सदस्य बने और 2023 में ईरान को भी पूर्ण सदस्यता मिली। यह संगठन सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और आतंकवाद विरोधी रणनीतियों पर कार्य करता है।

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