भारत अगली IPO लहर की तैयारी में: अक्टूबर में करीब $5 अर्ब की लिस्टिंग्स की योजना
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2025
भारतीय पूंजी बाजार इस अक्टूबर महीने में एक बार फिर IPO (Initial Public Offering) की बड़ी लहर देखने की तैयारी में है। देश की कई प्रमुख कंपनियाँ इस महीने लगभग 5 अरब डॉलर (करीब ₹42,000 करोड़) की नई लिस्टिंग लाने की योजना बना रही हैं। यह 2021 के बाद भारत के बाजार में IPO के लिए सबसे बड़ा महीना माना जा रहा है।
निवेशकों में उत्साह, कंपनियों की कतार
शेयर बाजार में हाल के महीनों में आई तेजी के चलते निवेशकों का रुझान फिर से नए इश्यूज़ की ओर बढ़ा है।
इस महीने टाटा कैपिटल, फेयरफिन सर्विसेज, जिंदल स्टील एंड एनर्जी वेंचर्स, और गो डिलिवरी सर्विसेज जैसी कंपनियाँ अपने IPO लॉन्च करने की तैयारी में हैं। इसके अलावा कुछ स्टार्टअप कंपनियाँ भी अपने पब्लिक इश्यू की मंजूरी के लिए SEBI के पास आवेदन कर चुकी हैं।
ब्रोकरेज एक्सपर्ट्स का कहना है कि 2025 के अंतिम तिमाही में भारत का इक्विटी बाजार एशिया का सबसे सक्रिय IPO हब बनने जा रहा है।
विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी
विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) और वेंचर कैपिटल फंड भारत के बाजार में तेजी से लौट रहे हैं।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अमेरिकी और सिंगापुर आधारित निवेशकों की ओर से IPO में भागीदारी लगातार बढ़ रही है।
भारत को अब एशिया का “सबसे स्थिर उभरता बाजार” माना जा रहा है, खासकर चीन की अर्थव्यवस्था में मंदी और यूरोप के बाजारों में अस्थिरता के कारण।
किन सेक्टर्स की कंपनियाँ आ रही हैं आगे
इस बार की IPO लहर में प्रमुख रूप से वित्तीय सेवाएँ, नवीकरणीय ऊर्जा, ई-कॉमर्स, और लॉजिस्टिक्स सेक्टर की कंपनियाँ शामिल हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल भुगतान से जुड़ी कंपनियाँ निवेशकों को सबसे अधिक आकर्षित करेंगी, क्योंकि ये सेक्टर भविष्य के विकास की दिशा तय कर रहे हैं।
टाटा कैपिटल का प्रभावशाली डेब्यू
टाटा कैपिटल का IPO हाल ही में लॉन्च हुआ था और बाजार में इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। कंपनी का लिस्टिंग डे पर शेयर मामूली प्रीमियम के साथ खुला, लेकिन निवेशकों का भरोसा इस सेक्टर के प्रति स्पष्ट रूप से नजर आया।
विश्लेषकों का कहना है कि इस लिस्टिंग के बाद अन्य वित्तीय कंपनियाँ भी बाजार में आने को प्रोत्साहित हुई हैं।
विश्लेषण: IPO बाजार में फिर लौट रहा है भरोसा
2022–23 के दौरान वैश्विक आर्थिक मंदी और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण IPO बाजार ठंडा पड़ा था। लेकिन अब स्थिति बदल रही है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता, बढ़ते विदेशी निवेश और घरेलू निवेशकों की मजबूत भागीदारी के कारण IPO बाजार में फिर से नई जान आ गई है।
SEBI के आंकड़ों के मुताबिक, केवल अक्टूबर महीने में ही अब तक 12 से अधिक कंपनियाँ अपने इश्यू लॉन्च की मंजूरी पा चुकी हैं।
निष्कर्ष
भारत का यह IPO बूम देश की आर्थिक स्थिति पर बढ़ते भरोसे का संकेत है।
अगर यह रफ्तार जारी रही, तो 2025 का साल भारतीय पूंजी बाजार के इतिहास में एक “रिकॉर्ड-ब्रेकिंग IPO वर्ष” के रूप में दर्ज हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बाजार की स्थिरता बनी रही, तो आने वाले महीनों में निवेशकों को उच्च रिटर्न और विविध निवेश अवसर दोनों देखने को मिलेंगे।
