एक्सपोर्ट सेक्टर को तुरंत राहत: आरबीआई ने घोषित किए बड़े उपाय, 450 दिन तक बढ़ाई एक्सपोर्ट क्रेडिट अवधि, लोन मोरेटोरियम और संपत्ति वर्गीकरण में छूट भी लागू
वैश्विक व्यापार में जारी व्यवधान, बढ़ती टैरिफ बाधाओं और आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव से जूझ रहे भारतीय निर्यातकों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने आज एक महत्वपूर्ण ट्रेड-रिलीफ पैकेज की घोषणा की है। यह राहत संरचना मौजूदा माहौल में एक्सपोर्ट इकोसिस्टम की कैश फ्लो स्थिरता और जोखिम प्रबंधन को मजबूत करने के उद्देश्य से डिज़ाइन की गई है।
आरबीआई द्वारा घोषित प्रमुख राहत उपायों में—
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निर्यातकों के लिए तत्काल लोन मोरेटोरियम,
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एक्सपोर्ट क्रेडिट की पुनर्भुगतान अवधि को बढ़ाकर 450 दिन करना,
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तथा एसेट क्लासिफिकेशन नॉर्म्स में छूट
जैसे स्ट्रक्चरल इंटरवेंशन शामिल हैं।
केन्द्रीय बैंक का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अनिश्चितता, लॉजिस्टिक लागत में उतार-चढ़ाव और जियोपॉलिटिकल घटनाक्रमों के कारण MSME सहित कई निर्यातक सेगमेंट वर्किंग कैपिटल स्ट्रेस का सामना कर रहे थे। नई घोषणा से एक्सपोर्ट फ्रेमवर्क को इमीडिएट लिक्विडिटी सपोर्ट, रिस्क-बफर, और प्रचालनिक स्थिरता मिलने की उम्मीद है।
बैंकिंग सेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि इन प्रावधानों को तेजी से और पारदर्शी तरीके से लागू किया जाए ताकि राहत तंत्र वास्तविक लाभार्थियों तक बिना देरी पहुंचे।
पॉलिसी एनालिस्ट्स का आकलन है कि यह कदम मौजूदा अंतरराष्ट्रीय माहौल में भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को मजबूत करने और ग्रोथ ट्राजेक्टरी को स्थिर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा।
