छूट के बावजूद नहीं बिक रहे हाउसिंग बोर्ड के मकान: 380 करोड़ की संपत्ति फंसी, अब 2027 तक बढ़ी स्कीम

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छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड को राज्यभर में आवंटित मकानों की बिक्री में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 10 साल से ज्यादा पुराने मकानों पर 10 से 30 प्रतिशत तक की छूट देने के बावजूद भी खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इससे बोर्ड की अनुमानित 380 करोड़ रुपए की संपत्ति फंसी हुई है और राजस्व ठप हो गया है।
बिक्री की स्थिति और आंकड़े:
बोर्ड के पास वर्तमान में 2651 मकान हैं, जिन्हें बेचा जाना है। इनमें सबसे अधिक रायपुर जिले में बोरिया कला, डूमरतराई, पिरदा, नवा रायपुर सेक्टर 27 और 29 में 254 करोड़ के 1420 मकान हैं। बिलासपुर जिले के तिफरा और अभिलाषा परिसर में 50 करोड़ के 225 मकान और दुर्ग जिले के परसदा, कुम्हारी और तालपुरी में 44 करोड़ के 500 मकान शामिल हैं। ये सभी मकान 5 साल से ज्यादा पुराने हैं।
बोर्ड ने इस साल 757 मकानों की बिक्री कर 103 करोड़ की आमदनी की, लेकिन डिस्काउंट के चलते इसे केवल 10 करोड़ का ही लाभ हुआ। मार्च 2025 में छूट की स्कीम खत्म होने से पहले केवल 113 करोड़ की संपत्तियां ही बिक पाईं।

गुणवत्ता और लोकेशन बनी बाधा:
जानकारों के अनुसार, मकानों की खराब गुणवत्ता और उनका शहर से दूर होना बड़ी वजह है कि लोग इनमें दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। साथ ही, प्राइवेट बिल्डरों की तुलना में हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट सुविधाओं के मामले में काफी पीछे हैं। सुरक्षा, पार्किंग, मेंटेनेंस और विजिट सुविधा जैसी बुनियादी चीजों की कमी लोगों को दूर कर रही है।
सेल्स और प्रचार में कमी:
जहां प्राइवेट बिल्डर्स की सेल्स टीमें व्यक्तिगत रूप से प्रोजेक्ट्स दिखाकर ग्राहकों को लुभाती हैं, वहीं सरकारी प्रोजेक्ट्स में विजिट के समय अक्सर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं रहता। इससे ग्राहकों का भरोसा नहीं बन पाता।
जर्जर हो रहे पुराने मकान:
बोर्ड के अधिकांश प्रोजेक्ट 2015 के आसपास लॉन्च किए गए थे। कई मकान लंबे समय से खाली पड़े हैं और अब धीरे-धीरे जर्जर हो रहे हैं, जिससे उनकी बिक्री और भी मुश्किल हो रही है।
स्कीम की अवधि बढ़ाई गई:
बोर्ड ने छूट की स्कीम को 31 मार्च 2025 से बढ़ाकर अब 30 जून 2027 तक लागू कर दिया है।
5 से 10 साल पुराने मकानों पर 20–30% छूट
10 साल से अधिक पुराने मकानों पर 30% छूट
पहली बार छूट श्रेणी में आए मकानों पर 10% छूट
बोर्ड का बयान:
अवनीश शरण, आयुक्त, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने कहा:
“हमें उम्मीद है कि लोग छूट का फायदा उठाएंगे। हम सस्ते दर पर मकान उपलब्ध करवा रहे हैं। साथ ही जो व्यवस्थागत खामियां हैं, उन्हें भी सुधारा जाएगा।”

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