छत्तीसगढ़ में PWD सब-इंजीनियर परीक्षा में हाईटेक नकल का भंडाफोड़, दो बहनें गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में PWD की सब-इंजीनियर भर्ती परीक्षा के दौरान हाईटेक नकल का मामला सामने आया है। सरकंडा थाना क्षेत्र स्थित रामदुलारे शासकीय स्वामी आत्मानंद स्कूल में परीक्षा के दौरान एक युवती अपनी बहन को वायरलेस डिवाइस के ज़रिए उत्तर बता रही थी, जिसे NSUI नेताओं ने रंगे हाथों पकड़ा।

जानकारी के मुताबिक, रविवार को आयोजित परीक्षा में एक अभ्यर्थी अनुसूर्या ने अंडरगार्मेंट्स में स्पाई कैमरा छिपाकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश किया। वह प्रश्न पत्र को स्कैन कर बाहर बैठी अपनी बहन अनुराधा को भेज रही थी। अनुराधा वॉकी-टॉकी की मदद से उत्तर बता रही थी। परीक्षा खत्म होने से पहले ही NSUI नेताओं ने दोनों को पकड़ लिया और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

यह परीक्षा व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा PWD में असिस्टेंट इंजीनियर के 113 पदों के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 14,000 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। यह घटना सुबह 10:00 से 12:15 बजे के बीच हुई परीक्षा के दौरान सामने आई।

NSUI नेता विकास सिंह ठाकुर ने बताया कि युवतियों ने रेलवे स्टेशन से उनके एक परिचित टैक्सी ड्राइवर को स्कूल तक बुक किया था। स्कूल पहुंचने के बाद कार में बैठी युवती ने वॉकी-टॉकी और टैबलेट जैसे डिवाइस निकाले, जिसे देखकर ड्राइवर को शक हुआ। ड्राइवर ने टैक्सी रोकने से इनकार कर दिया और NSUI को इसकी सूचना दी।

बाद में युवतियों ने ऑटो किराया किया और वहीं से डिवाइस के ज़रिए नकल कराने लगीं। बाहर बैठी अनुराधा टैबलेट पर प्रश्न देख रही थी और माइक्रो ईयरफोन के ज़रिए अंदर बैठी अनुसूर्या को उत्तर बता रही थी।

NSUI नेताओं ने मौके पर पहुंचकर हंगामा किया और आरोप लगाया कि यह घटना सरकार के संरक्षण में हो रही है। उन्होंने परीक्षा केंद्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद छात्रा द्वारा डिवाइस अंदर ले जाने पर सवाल उठाए और परीक्षा केंद्र प्रभारी के खिलाफ भी एफआईआर की मांग की।

हंगामे के बाद परीक्षा केंद्र प्रभारी ने सरकंडा थाने में शिकायत दी, जिस पर FIR दर्ज की गई। टीआई निलेश पांडेय ने बताया कि छात्राओं के पास से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि यह डिवाइस उन्होंने ऑनलाइन खरीदे थे।

फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और संगठित गिरोह के एंगल से भी जांच जारी है। अभी तक किसी बड़े गिरोह का नाम सामने नहीं आया है, लेकिन नकल की इस हाईटेक साजिश ने परीक्षा की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।